आरबीआई जल्द शुरू करेगा डिजिटल रूपी का पायलट लॉन्च
मुंबई- देश में डिजिटल करेंसी को लॉन्च करने की तैयारी शुरू हो गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जल्द ही डिजिटल करेंसी (ई-रूपी) की पायलट लॉन्चिंग करेगा। शुक्रवार को केंद्रीय बैंक ने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) पर एक चर्चा पत्र जारी किया। इसने कहा कि जल्द ही विशेष उपयोग से जुड़े मामलों के लिए फिलहाल इसे शुरू किया जाएगा।
सामान्य रूप से इसे डिजिटल करेंसी और डिजिटल रुपये की विशेषताओं के बारे में लोगों के बीच जागरुकता पैदा करने के लिए जारी किया गया है। इसके जरिये डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और मनी लॉड्रिंग पर नजर रखने में भी मदद मिलेगी।
आरबीआई कुछ समय के लिए सीबीडीसी के फायदे और नुकसान के बारे में आकलन करेगा। इस आधार पर इसके डिजाइन और अन्य मामलों में बदलाव किया जाएगा। बैंकों के जरिये इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। ई-रूपी आ जाने से लोगों को नगद रुपये रखने की जरूरत नहीं होगी। ये भी मोबाइल वॉलेट की तरह काम करेगी। यह एक कानूनी मुद्रा होगी।
आरबीआई ने कहा कि मुद्रा के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय उसके पूरक के रूप में इसे लाना है। ग्राहकों को एक अतिरिक्त भुगतान का विकल्प मिलेगा। यह आधुनिक तकनीक से लैस है। सुविधाजनक और सुरक्षित होने के साथ यह कुशल और वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने में योगदान करेगी।
चर्चा पत्र में ई-रूपी के बैकग्राउंड, प्रेरणा, डिजाइन सुविधाओं के विकल्प और अन्य नीतिगत ढांचों को प्रस्तुत किया गया है। इसका उद्देश्य एक खुली, समावेशी, इंटर ऑपरेबल प्रणाली का निर्माण करना है जो भारत की आधुनिक डिजिटल अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करेगी।
ई-रूपी को सीमा पार भुगतान के लिए अहम माना जा रहा है। इस सिलसिले में अमेरिका की फिनटेक कंपनी एफआईएस से बातचीत जारी है। दुनिया के 60 से ज्यादा देशों के केंद्रीय बैंकों ने इस तरह की करेंसी में अपनी दिलचस्पी दिखाई है। अपनी जरूरतों के मुताबिक इस तरह की विशेष ई-मुद्रा जारी करते हैं।
इसे मोबाइल वॉलेट दोनो में रखा जा सकता है। इस साल बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आरबीआई द्वारा डिजिटल करेंसी को लॉन्च करने की घोषणा की थी। सीबीडीसी करेंसी नोट्स के डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में है। सीबीडीसी को दो रूपों में वर्गीकृत किया जा सकता है। पहला रिटेल और दूसरा थोक। खुदरा सीबीडीसी सभी के लिए उपलब्ध होगा जबकि थोक सीबीडीसी को चुनिंदा वित्तीय संस्थानों तक सीमित पहुंच के लिए डिजाइन किया गया है।
कुछ समय पहले ही आरबीआई के उप गवर्नर टी रबि शंकर ने कहा था कि सीबीडीसी उन निजी वर्चुअल करेंसी को खत्म कर देगा, जो बिटकॉइन जैसी हैं। आरबीआई ने पहले ही इस तरह की करेंसी का विरोध किया था और इसे कानूनी मुद्रा के रूप में मंजूरी देने से इनकार कर दिया था।