चार साल में मैन्यूफैक्चरिंग में नया निवेश 34 फीसदी बढ़ा, सेवा में 43 से घटकर 5.9 फीसदी
मुंबई- पिछले चार वर्षों में अप्रैल से सितंबर के दौरान देश के मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में 34 फीसदी नया निवेश बढ़ा है, जबकि सेवा क्षेत्र में इस दौरान भारी गिरावट आई है। मैन्यूफैक्चरिंग में नया निवेश इस साल अप्रैल से सितंबर के बीच 55 फीसदी हो गया है। जबकि 2018 में इसी अवधि में यह केवल 21.5 फीसदी और 2019 में 13.4 फीसदी था।
हालांकि सेवा क्षेत्र (वित्त को छोड़कर) की स्थिति ठीक इसके उलट है। 2018 के अप्रैल से सितंबर में इस क्षेत्र में नया निवेश 43.8 फीसदी था। 2021 में यह घटकर 30.4 फीसदी हुआ और इस साल यह घटकर केवल 5.9 फीसदी रह गया। बृहस्पतिवार को आए सेवा क्षेत्र के आंकड़ों पर भी इसका असर दिखा जिसकी गतिविधियां 6 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई थीं। रिपोर्ट के अनुसार, इस साल अप्रैल से सितंबर में केमिकल और संबंधित उत्पाद, ऊर्जा का निवेश कुल निवेश का 78 फीसदी है।
बैंक ऑफ बड़ौदा की एक रिपोर्ट के अनुसार, दूसरे स्थान पर केमिकल एवं केमिकल उत्पाद हैं। 2018 में इनका नया निवेश 7.5 फीसदी जबकि 2019 में केवल 3.9 फीसदी था। 2022 में अप्रैल से सितंबर के बीच यह बढ़कर 40 फीसदी हो गया है। इलेक्ट्रिसिटी में भी 2018 में अप्रैल-सितंबर में निवेश 17.2 फीसदी था जो अब 37 फीसदी से ऊपर पहुंच गया है।
ट्रांसपोर्ट क्षेत्र में नया निवेश पूरी तरह से घट गया है। 2018 में अप्रैल से सितंबर के दौरान नया निवेश 32.5 फीसदी था जबकि इस साल इसी अवधि में यह घटकर 1.8 फीसदी हो गया। पिछले साल 19.2 फीसदी नया निवेश था। निर्माण और रियल एस्टेट में अप्रैल-सिंतबर, 2018 में 14.6 फीसदी नया निवेश था। इस साल यह घटकर केवल 0.2 फीसदी हो गया है। पिछले साल यह 2.7 फीसदी पर था।
रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल से सितंबर के दौरान सबसे ज्यादा नया निवेश 2015 में हुआ था जो 12.50 लाख करोड़ रुपये था। 2016 में यह घटकर 10.23 लाख करोड़ रुपये हुआ जबकि 2021 में यह 6.41 लाख करोड़ रुपये रहा। हालांकि, इस साल यह बढ़कर 7.65 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो 2014 में 9.30 लाख करोड़ रुपये की तुलना में कम है।