रूस के कच्चे तेल पर प्रतिबंध से पहले भारतीय रिफाइनरी कर रही हैं डील
नई दिल्ली। भारतीय रिफाइनरी कच्चे तेल के सौदे को पूरा करने के लिए जोरों से कोशिश कर रही हैं। ऐसी आशंका है कि यूरोपीय संघ सहित पश्चिमी देश रूस पर प्रतिबंध लगा सकते हैं। इससे भविष्य में तेल की आपूर्ति पर असर पड़ सकता है।
उद्योग सूत्रों ने कहा कि देश की शीर्ष रिफाइनरी इंडियन ऑयल और भारत पेट्रोलियम अमेरिका सहित कई देशों के साथ टर्म डील की मांग की हैं। रिफाइनरी के एक अधिकारी ने कहा कि हम एक बैकअप योजना की तैयारी कर रहे हैं। रूस और यूक्रेन युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ है इससे अनिश्चितता अभी भी बरकरार है। ऐसे में हमें सभी विकल्पों को खुला रखने की जरूरत है।
एक रिफाइनरी के अधिकारी ने कहा कि हम इसकी तैयारी कर रहे हैं। चीन के बाद रूस भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया है। 5 दिसंबर से रूसी कच्चे तेल के आयात पर यूरोपीय संघ के प्रतिबंध की तैयारी से यूरोपीय रिफाइनरी मध्य पूर्व से तेल खरीद सकती हैं। इससे एशियाई देशों के साथ उनकी प्रतिस्पर्धा बढ़ जाएगी।
इंडियन ऑयल ने पिछले महीने ब्राजील के पेट्रोबास के साथ 1.2 करोड़ बैरल और कोलंबिया के इकोपेट्रोल के साथ 60 लाख बैरल के सौदों पर हस्ताक्षर किया है। भारत पेट्रोलियम ने भी इसी तरह का सौदा किया है। इंडियन ऑयल ने 18 मिलियन बैरल अमेरिकी तेल को खरीदने का विकल्प रखा है। इसमें से 1.2 करोड़ बैरल खरीद भी चुका है।