मारुति ने कहा, 6 बैग अनिवार्य हुआ तो छोटी कारें बंद कर देगी  

मुंबई- सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हर साल देश में करीब 5 लाख सड़क एक्सीडेंट्स में लगभग 1.5 लाख लोगों की मौत हो जाती है। इसे देखते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 6 एयरबैग्स अनिवार्य करने का ऐलान किया था। ताकि यात्रियों की सुरक्षा हो सके। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी ने एक बार फिर से दोहराया है कि अगर 6 एयरबैग्स अनिवार्य किए गए तो वह छोटी कारें बनाना बंद कर देगी। 

मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव से 6 एयरबैग्स अनिवार्य किए जाने के बारे में फीडबैक मांगी गई थी। तो भार्गव ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो उनकी कंपनी छोटी कारें बनाना बंद करने से नहीं हिचकेगी। कार कंपनियां सरकार के इस कदम को पॉजिटिव तरीके से नहीं ले रही हैं। 

उन्होंने कहा कि छोटी कारों में 6 एयरबैग लगाने से उनकी कीमतें बढ़ जाएंगी। भार्गव ने कहा कि सरकार की पॉलिसी के चलते व्हीकल्स की कॉस्ट बढ़ रही है और वे आम लोगों की पहुंच से दूर हो रहे हैं। 

गडकरी के ताजा बयान पर भार्गव ने कहा, ‘इस कदम से कारों की कीमतें बढ़ जाएंगी और ऐसा भी हो सकता है कि इससे कार एक्सीडेंट्स में बड़ी संख्या में होने वाली मौतों पर भी कोई असर नहीं पड़े।’ भार्गव ने ये भी कहा कि कॉम्पैक्ट कारों की बिक्री से वैसे भी उनकी कंपनी को कोई खास प्रॉफिट नही हो रहा है। 

मारुति सुजुकी इससे पहले भी कई मौकों पर दोहरा चुकी है कि 6 एयरबैग अनिवार्य किए जाने पर छोटी कारें प्रॉफिट देने लायक नहीं रह जाएंगी और ऐसे में इन कारों का प्रोडक्शन बंद करना पड़ेगा। 

इससे पहले केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को इंटेल इंडिया सेफ्टी कॉन्फ्रेंस 2022 में कहा था कि हमने व्हीकल्स में कम से कम 6 एयरबैग को अनिवार्य बनाने का निर्णय लिया है। हम लोगों की जान की सुरक्षा करना चाहते हैं।  

गडकरी ने कहा, ‘ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में ग्रोथ दिख रही है और गाड़ियों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में सड़कों को सुरक्षित बनाना अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। एयरबैग अनिवार्य बनाने का फैसला लोगों की जान बचाने के लिए है, लेकिन इसके बाद भी कुछ कार कंपनियां इस फैसले का विरोध कर रही हैं।’ 

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