कानपुर के संजय पांडे बने मुंबई के पुलिस कमिश्नर, हेमंत नगराले हटाए गए
मुंबई- महाराष्ट्र सरकार ने IPS अधिकारी संजय पांडे को मुंबई पुलिस का नया कमिश्नर नियुक्त किया है। वे मौजूदा पुलिस कमिश्नर हेमंत नगराले की जगह लेंगे। नगराले को MSSC में ट्रांसफर कर दिया गया है।
संजय पांडे IIT कानपुर से पढ़े हैं और 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वे साल 1992-93 के मुंबई दंगों के दौरान यहां डीसीपी के तौर पर तैनात रहे हैं। कहा जाता है कि इस दौरान उन्होंने बहुत ही कम समय में हालात को नियंत्रण में कर लिया था। इसके बाद संजय नार्कोटिक्स और इकोनॉमिक्स ऑफेंस विंग में भी रहे।
महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा निगम के प्रबंध निदेशक का पद संभाल रहे संजय पांडे के पास महाराष्ट्र पुलिस के डीजीपी का भी अतिरिक्त प्रभार रह चुका है। हालांकि IPS रजनीश सेठ को महाराष्ट्र का डीजीपी नियुक्त किए जाने के बाद उनसे यह प्रभार वापस ले लिया गया था। पांडे हेमंत नागराले की जगह लेंगे, जिन्हें पिछले साल परमबीर सिंह के पद से हटाए जाने के बाद मुंबई पुलिस प्रमुख बनाया गया था।
मार्च, 2021 में पांडे ने तबादले से नाराज होकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था। इसके बाद पांडे तबादले से नाराज हो कर छुट्टी पर भी चले गए थे। पांडे ने आइआइटी कानपुर से आइटी कंप्यूटर में इंजीनियरिंग की है। महारष्ट्र में इन्होंने एसीपी पुणे के रूप में कार्य की शुरुआत की थी। इसके बाद पांडे मुंबई में डीसीपी रैंक के अधिकारी बने। साल 1993-93 के दंगों के दौरान पांडे डीसीपी थे। इसके बाद वह नारकोटिक्स, इकनामिक्स आफिस विंग में भी रहे।
गौरतलब है कि पिछले साल परमबीर सिंह के तबादले के साथ हुए कई और तबादलों से महाराष्ट्र की आइपीएस लाबी में गहरा असंतोष व्याप्त हो गया ता। इस असंतोष के फलस्वरूप एक वरिष्ठ आइपीएस संजय पांडे छुट्टी पर चले गए ते। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर अपना असंतोष व्यक्त किया था। तबादलों के क्रम में महानिदेशक होमगार्ड व सिविल डिफेंस रहे वरिष्ठ आइपीएस संजय पांडे को महाराष्ट्र स्टेट सिक्यूरिटी कार्पोरेशन लिमिटेड का उपाध्यक्ष व प्रबंध निदेशक बना दिया गया था। क्योंकि परमबीर सिंह को उनके स्थान पर होमगार्ड का महानिदेशक बनाकर भेजा गया। अपनी इस नई पोस्टिंग से असंतुष्ट संजय पांडे ने मुख्यमंत्री व गृहमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि आपने तबादला करते हुए मेरी वरिष्ठता को नजरंदाज किया है।
तबादले के इस क्रम में डीजी-भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो का पद मुझसे कनिष्ठ अधिकारी को दे दिया गया है। चूंकि पुलिस महानिदेशक के बाद दूसरा वरिष्ठतम पद मुंबई के पुलिस आयुक्त का होता है, इस पद के लिए आपने मेरे नाम पर विचार नहीं किया, तो कम से कम महानिदेशक-भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पद के लिए तो विचार करना था।
किसी अधिकारी को पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिए जाने को भी नियम विरुद्ध बताते हुए पांडे ने कहा कहा कि यह भी प्रकाश सिंह मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार गलत है। पांडे ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री व गृहमंत्री से अपील की कि उनके साथ हुए अन्याय को सुधारा जाए, और उन्हें उनकी वरिष्ठता के अनुसार पद दिया जाए। पांडे के मुताबिक, उनके द्वारा यह पत्र लिखे जाने के बाद राज्य के कई आइपीएस अधिकारियों के फोन उनके पास आए, जिनमें पूरे राज्य में वरिष्ठताक्रम को नजरंदाज किए जाने की बातें सामने आईं थीं।