अब FII की बिकवाली का कम होता है बाजार पर असर 

मुंबई- मार्च 2020 से अप्रैल 2020 तक FII ने 68,856 करोड़ रुपए का शेयर बेचा और निफ्टी 12 पर्सेंट गिरा, जबकि अक्टूबर 2021 से जनवरी 2022 तक इन्होंने 71,824 करोड़ रुपए का शेयर बेचा और मार्केट केवल 1.61 पर्सेंट गिरा।  

कोटक म्यूचुअल फंड के एमडी निलेश शाह ने कहा कि FII की बिकवाली बराबर रही, पर उसका असर पूरी तरह से अलग रहा। इसका अर्थ यह है कि विदेशी निवेशकों की बिकवाली से अब बाजार पर कोई असर नहीं होता है। निलेश शाह ने अपने मासिक बुलेटिन में कहा कि केंद्रीय बजट ग्रोथ का एक दूसरा चैप्टल लिखेगा।  

उनके मुताबिक, सरकार ने पिछले साल के 1.75 लाख करोड़ के विनिवेश के लक्ष्य को घटाकर अब 78 हजार करोड़ रुपए कर दिया है। जबकि अगले साल यह 65 हजार करोड़ रुपए रहेगा। रिजर्व बैंक अगले साल 74 हजार करोड़ रुपए का लाभांश सरकार को दे सकता है। इसने इस साल 1.01 लाख करोड़ रुपए दिया था। टैक्स कलेक्शन के मोर्चे पर सरकार अगले साल 19.35 लाख करोड़ रुपए कलेक्ट कर सकती है।  

2020 के रिवाइज बजट में यह आंकड़ा 17.65 लाख करोड़ रुपए था जो बजट में 15.45 लाख करोड़ रुपए था। वे कहते हैं कि बाजार में हर गिरावट निवेश का एक अवसर लेकर आता है। बाजार का मार्केट कैप देशों की GDP की तुलना में 144 पर्सेंट है। उनका कहना है कि कॉर्पोरेट का फायदा बाजार के लिए एक क्रिटिकल पाइंट है। शाह ने कहा कि ज्यादातर कंपनियों ने रिजल्ट के अनुमान को पीछे छोड़ दिया है।  

उन्होंने कहा कि भारत में महंगाई और पॉलिसी रेट एक चिंता वाला विषय है। जबकि अमेरिका में भी यही हाल है जहां महंगाई ज्यादा है। अमेरिका में ब्याज दरें शून्य से 0.25% है। भारत में यह 4 पर्सेंट है। इसी तरह से जियोपॉलिटिकल जोखिम भी हैं। भारत-चीन के साथ रूस और यूक्रेन का टकराव ज्यादा चिंता वाला है। इसके साथ ही तेलों की कीमतें भी 90 डॉलर प्रति बैरल के पार हैं जो 100 डॉलर के पार हो सकती हैं।  

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