क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में भारी कमी, निवेशकों को 75 लाख करोड़ रुपए का घाटा
मुंबई- क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में भारी गिरावट आ रही है। इस वजह से इसका मार्केट कैप 75 लाख करोड़ रुपए घट चुका है। यानी निवेशकों को इतना घाटा हुआ है।
बिटकॉइन में एक सप्ताह में जोरदार गिरावट दिखी है। पिछले सात दिनों मेंऔसतन लगभग 6% की तुलना में बुधवार को लगभग 15% तक यह गिरावट बढ़ गई। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा अनिश्चितता को देखते हुए ओवरआल मार्केट की घबराहट को देखकर यहाँ भी मंदी का सेंटीमेंट देखा गया।
शुक्रवार को ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें 10% से अधिक ही गिरीं। इसमें एथरियम 14%, फैंटम 15%, चेनलिंक 13% गिरी हैं। नवंबर की तुलना में डॉजकाइन में 79%, कार्डानो में 61% शिबा इनू में 72%, यूनिस्वैप में 69%, सोलाना में 52% और एथरियम में 42% की गिरावट आई है।
सबसे बड़ी डिजिटल करेंसी बिटकॉइन की कीमत शुक्रवार को 12% से अधिक गिर गई। यह जुलाई के बाद से अपने निम्नतम स्तर 36,000 डॉलर (27 लाख रुपए) से नीचे आ गई। नवंबर में रिकॉर्ड तेजी के बाद से इसकी कीमत में 45% से अधिक की कमी आई है। यही नहीं, इसके साथ बाकी डिजिटल करेंसी को भी उतना ही नुकसान हुआ है।
नवंबर में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में जबरदस्त तेजी रही। सबसे लोकप्रिय करेंसी बिटकॉइन की कीमत 67,803 डॉलर पर पहुंच गई थी। पिछले 6 महीने में इसके भाव में दोगुना का इजाफा हुआ था। इस सेक्टर का कुल मार्केट कैप पहली बार नवंबर में 3.1 ट्रिलियन डॉलर पहुंच गया था। अब यह घटकर 1.9 ट्रिलियन डॉलर पर आ गया है। एक ट्रिलियन डॉलर का मतलब 75 लाख करोड़ रुपए है।
बिटकॉइन क्रिप्टो की सबसे लोकप्रिय करेंसी है। इसमें लगातार गिरावट दिख रही है। अब तक जो भी इसका तामझाम था, वह गायब होता दिख रहा है। अमेरिका के सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व के द्वारा बाजार को दिए राहत पैकेज वापस लेने के इरादे ने दुनिया भर में इस जोखिम भरी संपत्ति ( riskier assets) को नुकसान पहुंचाया है।
नवंबर के बाद से बिटकॉइन की गिरावट से इसके मार्केट कैप में 600 बिलियन डॉलर से अधिक की कमी आई है। यह अब 738 अरब डॉलर पर आ गई है। बीस्पोक इन्वेस्टमेंट ग्रुप के अनुसार बिटकॉइन और एग्रीगेट मार्केट में ज्यादा गिरावट आई है। यह दोनों के लिए डॉलर के मुकाबले दूसरी सबसे बड़ी गिरावट है। बेस्पोक विश्लेषकों ने एक नोट में लिखा कि इससे पता चलता है कि इन करेंसी में किस हद तक गिरावट आ सकती है।
फेडरल रिजर्व के इरादे ने क्रिप्टोकरेंसी और स्टॉक दोनों को हिलाकर रख दिया है। डिजिटल-एसेट स्पेस में एक प्रमुख चर्चा छिड़ी है और वह यह है कि क्रिप्टो में लगभग उसी तरह से झुकाव और बदलाव हुए हैं जैसे इक्विटी में होते हैं। क्रिप्टो-प्लेटफॉर्म एफआरएनटी फाइनेंशियल के को-फाउंडर स्टीफन ओउलेट ने कहा कि क्रिप्टो उसी तरह की गतिशीलता पर रिऐक्ट कर रहा है जो वैश्विक स्तर पर रिस्क-एसेट्स का होता है।