बिरयानी की तरह दो बैलेंस एडवांटेज फंड एक जैसे नहीं हो सकते
मुंबई- खाने की दुनिया में बिरयानी का एक बहुत ही खास स्थान है। यह न केवल एक पौष्टिक भोजन है, बल्कि यह अपने टेस्ट, सुगंध और देखने में भी अच्छा होता है। खाने के समय इसके स्वाद का बयान नहीं किया जा सकता है। हालांकि, कोई भी दो बिरयानी एक जैसी नहीं होती है। यही बात म्यूचुअल फंड की कैटेगरी बैलेंस एडवांटेड फंड (BAF) पर भी लागू होती है।
ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड के पश्चिमी क्षेत्र के रिटेल सेल्स के जोनल हेड रोहित खुराना कहते हैं कि यदि आप एक हैदराबादी बिरयानी की तुलना लखनवी बिरयानी से करते हैं तो एक फूड लवर इसे एक मजाक ही समझेगा। आलू से भरी कोलकाता बिरयानी का क्या, जो केरल के बिरयानी से बहुत अलग होता है? जहां किसी एक बिरयानी का स्वाद तीखा हो सकता है, तो वहीं दूसरी बिरयानी का स्वाद आपको बिल्कुल अलग लग सकता है।
खुराना कहते हैं कि म्यूचुअल फंड की बैलेंस्ड एडवांटेज फंड कैटेगरी और बिरयानी में क्या समानता है? आप पूछेंगे कि इसमें क्या तुलना है? जैसे बिरयानी की अपनी अलग दुनिया है, वैसे ही म्यूचुअल फंड की एक कैटेगरी में बैलेंस्ड एडवांटेज फंड है। इसकी अपनी अलग अलग दुनिया है।
खुराना कहते हैं कि एक बैलेंस्ड एडवांटेज फंड, इक्विटी और डेट में 30 से 80 या 0-100% की एक निश्चित सीमा में आवंटित करेगा। इक्विटी के लिए आवंटन आमतौर पर प्राइस टू बुक या प्राइस टू अर्निंग मॉडल के आधार पर निर्धारित किया जाता है। अधिकांश म्यूचूअल फंड कंपनियां अपना खुद का मॉडल चलाती हैं। इसलिए, बिरयानी की तरह, कोई भी दो BAF एक जैसे नहीं होते हैं। इसलिए, BAF में निवेश करते समय, किसी को अपनी जोखिम उठाने की क्षमता के स्तर के बारे में सोचना चाहिए।
पिछले 3 साल की अवधि में कुछ BAF का नेट इक्विटी लेवल 70-80% रहा। इसकी एक और अच्छाई देखें तो हम इस तरह के ऑफर्स को हाइब्रिड फंडों के साथ जोड़ सकते हैं। इसमें ज्यादा से ज्यादा इक्विटी रिस्क का समावेश होता है। दूसरी ओर ऐसे उत्पाद हैं जिनका औसत शुद्ध इक्विटी एक्सपोजर बहुत कम है, जैसे कि पिछले 3 वर्षों में यह 9-15% की सीमा में रहा है।
BAF में अग्रणी ICICI प्रूडेंशियल ने एक दशक से भी अधिक समय पहले भारतीय म्यूचूअल फंड इंडस्ट्री में पहला BAF लॉन्च किया था। इसका मानना है कि यह कैटेगरी बाजार की अस्थिरता से लाभ उठाने के लिए सबसे उपयुक्त होती है। हर निवेशक के मुख्य पोर्टफोलियो में BAF होना चाहिए। BAF को लालच और भय जैसी मानवीय भावनाओं को एक तरफ रखकर बाजार के सस्ते होने पर खरीदना और महंगे होने पर बेचने के लिए जाना जाता है। एक दशक से अधिक पुराने इन-हाउस मॉडल के आधार पर फंड अपने इक्विटी अलोकेशन को 30% और 80% के बीच बदल देता है, जो काफी हद तक प्राइस-टू-बुक पर आधारित होता है। यह उन कुछ फंडों में से एक है, जो पूरे मार्केट साइकिल की कसौटी पर खरा उतरा है।
खुराना कहते हैं कि NFO में रिकॉर्ड कलेक्शन के साथ BAF कैटेगरी का बड़े पैमाने पर विस्तार हो रहा है।हर कोई इस कैटेगरी की लोकप्रियता पर सवार होना चाहता है। हालांकि, BAF कटेगरी में निवेश करने से पहले निवेशकों को सावधान रहने और अपने सलाहकारों के साथ अच्छी तरह से चर्चा करने की जरूरत है। अंत में, मैं ऐसे बैफ को पसंद करूंगा, जिसका अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड है और बेहतर प्रदर्शन है।