बाजार जाएगा दिसंबर तक 80 हजार पर, मोर्गन स्टेनली का दावा
मुंबई- विदेशी ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली का कहना है कि बीएसई सेंसेक्स अगले एक साल में 70,000 से 80,000 अंक तक जा सकता है। मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि भारतीय शेयर बाजर में दूसरे उभरते देशों के मुकाबले लंबे समय तक बुल रैली जारी रह सकती है। हालांकि इसके साथ ही इसने बाजार में निकट समय में अस्थिरता जारी रहने की भी चेतावनी दी। हालांकि
ब्रोकरेज ने कहा कि जो निवेशक थोड़े लंबे समय के लिए जोखिम उठाने के लिए तैयार है, उनके लिए उसका रुख पॉजिटव है।
मॉर्गन स्टेनली के इंडिया में इक्विटी स्ट्रैटजिस्ट हेड, रिद्धम देसाई की अगुआई में बनी रिपोर्ट में ब्रोकरेज ने भारतीय शेयर बाजार का दो स्थिति में आकलन किया है। पहला बेस केस और दूसरा बुल केस। ब्रोकरज फर्म ने कहा कि बेस केस में सेंसेक्स अगले साल दिसंबर 2022 तक 70,000 के अंत तक जा सकता है। यह सेंसेक्स के मौजूदा स्तर से करीब 16 पर्सेंट तक अधिक है।
ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि बेस केस का मतलब है कि इस दौरान आर्थिक ग्रोथ अनुमान के मुताबिक रहेगा। कोरोना वायरस के मामलों में भी स्थिरता रहेगी और सरकार खर्च बढ़ाकर और अपनी नीतियों के जरिए अर्थव्यव्स्था को सपोर्ट करेगी। इस बेस केस में सेंसेक्स 70,000 तक जा सकता है।
वहीं बुल केस में मॉर्गन स्टेनली ने सेंसेक्स के 80,000 अंक तक जाने का अनुमान जताया। ब्रोकरेज ने कहा कि बुल केस से उसका मतलब गै कि इस तरह भारत में विदेशी निवेश बढ़कर 2 हजार करोड़ डॉलर तक पहुंच जाए। कोरोना वायरस के मामले थम जाएं और कोई लॉकडाउन न लगे। तेल की कीमतें और अमेरिकी डॉलर के रेट एक सीमित रेंज में रहे और भागे नहीं। साथ ही उस दौरान भारत को ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स में शामिल किया जाएगा।
इसके अलावा मॉर्गन स्टेनली ने एक बियर केस को लेकर भी अनुमान लगाया है। ब्रोकरेज ने कहा कि अगर आरबीआई महंगाई को कंट्रोल करने के लिए सख्ती करता है, तेल के दाम बढ़ते हैं, अमेरिकी फेड रिजर्व बॉन्ड को लेकर अपनी नीति बदलता है और कोविड केस भी बढ़ते हैं, तो ऐसी स्थिति में सेंसेक्स 50,000 तक आ सकता है।