कैश खत्म करने के लिए हुई नोटबंदी, अब उससे ज्यादा कैश लोगों के पास
मुंबई- जिस नोटबंदी को आतंकी घटनाओं, काले धन और कैश को खत्म करने के लिए लाया गया, आज यह सभी नोटबंदी के पांच साल बाद उससे ज्यादा मामले के साथ हैं। लोगों के पास अब ज्यादा कैश है और काला धन उससे ज्यादा आ गया है। साथ ही आतंकी घटनाएं भी लगातार हो रही हैं।
रिजर्व बैंक के करेंसी विथ द पब्लिक के आंकड़ों के मुताबिक, 8 अक्टूबर 2021 के पखवाड़े में लोगों के पास 28.30 लाख रुपए की करेंसी थी। नोटबंदी से ठीक पहले यानी 4 नवंबर 2016 को लोगों के पास 17.74 लाख करोड़ रुपए की करेंसी थी। यानी उसकी तुलना में यह 57.48 पर्सेंट या फिर 10.33 लाख करोड़ रुपए ज्यादा है। इसका सीधा अर्थ यह है कि पिछले 5 सालों में करेंसी सर्कुलेशन में तेजी से बढ़त आई है।
2016 में कुल सर्कुलेशन में एक हजार और 500 रुपए की नोट का हिस्सा 85 पर्सेंट होता था। हालांकि अब भी कुल सर्कुलेशन में बड़ी नोटों जैसे 500 और 2000 की नोट का हिस्सा 85.7 पर्सेंट ही है। इसमें से 500 की नोट का 68.4 पर्सेंट हिस्सा है। यानी बड़ी नोट का जो हिस्सा है, वह उसी लेवल पर है। पर इसमें एक बात जरूर है कि रिजर्व बैंक ने 2 हजार रुपए की नोट को कम करना शुरू किया है। रिजर्व बैंक 2 हजार की नई नोट को प्रिंट करना बंद किया है। जैसे मार्च 2021 की रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में यह कहा गया कि सिस्टम में 2 हजार रुपए की कुल 24,510 नोट ही थीं। यही नहीं, अब तो एटीएम से भी 2 हजार रुपए की नोट बहुत ही कम कभी-कभार निकलती हैं।
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, 2015-16 में कुल 632,926 नकली नोट बरामद हुए थे। 2016-17 में 762,072 नकली नोट पाए गए थे। 2017-18 में 522,783 और 2018-19 में 317,389 नकली नोट पाए गए थे। वित्तवर्ष 2020-21 यानी मार्च 2021 को समाप्त वित्तवर्ष में 2 हजार के कुल 8,798 नकली नोट मिले जबकि 500 रुपए के 39,453 नकली नोट मिले थे। 2018-19 में 2 हजार की 21,847 नोट जबकि 500 की 21,865 नकली नोट मिली थी। 2019-20 में 2 हजार की 17,020 नकली नोट जबकि 500 की 30,054 नकली नोट पकड़ी गई थी।