फायदे में कमी के बाद भी तीन प्रमुख तेल कंपनियों ने कमाया 40,554 करोड़ फायदा
मुंबई। 4 नवंबर से लेकर 22 मार्च तक के बीच पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं होने के बाद भी देश की तीन प्रमुख सरकारी तेल कंपनियों ने पूरे साल के दौरान 40,554 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। इसमें इंडियन ऑयल ने 24,184 करोड़, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) ने 9,076 और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (एचपीसीएल) ने 7,294 करोड़ रुपये का फायदा कमाया है।
इसी दौरान इंडियन ऑयल ने 7.36 लाख करोड़ और एचपीसीएल ने पहली बार 3.72 लाख करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया है। इतिहास में दोनों कंपनियों का यह रिकॉर्ड है। कंपनियों को घाटा इसलिए हुआ क्योंकि नवंबर की तुलना में मई तक कच्चा तेल प्रति बैरल 30 डॉलर बढ़ गया।
जनवरी-मार्च की तिमाही में तीनों तेल कंपनियों के फायदे में भारी गिरावट हुई है। एचपीसीएल का फायदा 40 फीसदी गिरकर 1,795 करोड़ रुपये रहा जबकि बीपीसीएल का फायदा 82 फीसदी गिरकर 2,130 करोड़ रुपये रहा। आईओसी का मुनाफा इसी दौरान 31 फीसदी गिरकर 6,022 करोड़ रुपये रह गया।
तेल कंपनियां भले ही फायदे में भारी कमी बता रही हों, लेकिन इनकी कमाई बढ़ी है। जबकि महंगाई आसमान पर है। कमोडिटी की महंगाई में सबसे ज्यादा योगदान डीजल का होता है क्योंकि इसी से माल ढुलाई होती है। देश में खुदरा महंगाई 7.79 फीसदी पर है जो 8 साल के उच्चतम स्तर पर है।
21 मार्च को पेट्रोल की कीमत 95.41 रुपये लीटर थी जो 10 रुपये बढ़कर 105 रुपये लीटर पर पहुंच गई थी। हालांकि हाल में एक्साइज शुल्क में 9.50 रुपये प्रति लीटर की जरूर कटौती की गई, पर उस आधार पर पहले के ही जितने दाम पर इस समय पेट्रोल और डीजल बिक रहे हैं।
नवंबर में कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल 81 डॉलर थी जो इस समय 110 से 111 डॉलर प्रति बैरल है। इस आधार पर देखा जाए तो सरकार ने दो महीने तक 10 रुपये प्रति लीटर कमाई कर ली और अब उसी बराबरी पर लाकर कीमत को खड़ा कर दिया है। इस वजह से कंपनियों को डीजल पर 12 रुपये और पेट्रोल पर 9.5 रुपये प्रति लीटर घाटा हो रहा है।