रिलायंस रिटेल का रेवेन्यू 2023 तक 2.90 लाख करोड़ रुपए होगा, 2006 में हुई थी शुरुआत

मुंबई-रिलायंस रिटेल 15 सालों में देश की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी बन गई है। इसने इस हफ्ते में दो डील की है। दोनों डील फैशन डिजाइन सेगमेंट में हुई है। पहले इसने मनीष मलहोत्रा की कंपनी में 40% हिस्सेदारी खरीदी। फिर रितू कुमार की कंपनी रितिका में 52% हिस्सेदारी इसने खरीदी।  

रिलायंस रिटेल की शुरुआत साल 2006 में हुई थी। इसने पहला ग्रॉसरी स्टोर आंध्र प्रदेश में खोला था। 2007 में इसने कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स का पहला स्टोर रिलायंस डिजिटल स्टोर के रूप में खोला था। 2008 में रिलायंस रिटेल ने फैशन और लाइफ स्टाइल के सेगमेंट में प्रवेश किया। पहला स्टोर रिलायंस ट्रेंड और फुटप्रिंट ब्रांड का खोला। इसने होलसेल और कैश एंड कैरी का स्टोर 2011 में पहली बार शुरू किया। ये डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क नॉन मेट्रो शहरों में खोले गए। रिलायंस रिटेल वेंचर लिमिटेड (RRVL) की डायरेक्टर इशा अंबानी ने कहा कि रितू कुमार की कंपनी की साझेदारी से हमें काफी खुशी है। रितू कुमार के पास फैशन और रिटेल सेगमेंट में मजबूत ब्रांड, बेहतरीन विकास क्षमता और कई इनोवेशन हैं।  

भारत में संगठित रिटेल के सेक्टर की यह सबसे बड़ी रिटेल कंपनी है। वित्तवर्ष 2016 से 2021 के दौरान इसकी CAGR (चक्रवृद्धि दर) की ग्रोथ 50% की रही है। यह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती हुई रिटेल कंपनी है। दुनिया भर में टॉप 100 रिटेल कंपनियों की रैंकिंग में रिलायंस रिटेल शामिल है। रिलायंस रिटेल इस समय 12,800 स्टोर को चलाती है। ये स्टोर 7,000 शहरों में हैं। यह स्टोर करीबन 3.45 करोड़ वर्ग फुट में हैं। कंपनी के कुल रिटेल स्टोर में से दो तिहाई स्टोर दूसरे, तीसरे और चौथे क्लास के शहर में हैं। रिलायंस रिटेल का रेवेन्यू मार्च 2021 में समाप्त वित्तवर्ष में 1.53 लाख करोड़ रुपए रहा।  

2010 में इस कंपनी ने 1 हजार स्टोर का आंकड़ा पार किया था। 2011 में इसने रिलायंस मार्ट को लॉन्च किया। 2011 में ही पहली बार रिलायंस रिटेल ने एक अरब डॉलर का रेवेन्यू हासिल किया। 2013 में यह कंपनी पहली बार फायदे में आई। 2014 में यह देश की सबसे बड़ी रिटेलर कंपनी बनी। 2016 में इसने ई-कॉमर्स और फैशन प्लेटफॉर्म को लॉन्च किया। 2017 में रिलायंस रिटेल ने पहली बार 5 अरब डॉलर का रेवेन्यू हासिल किया। 2018 में कंपनी ने 3,736 जियो पॉइंट को लॉन्च किया जबकि 2020-21 में इसने जियोमार्ट को लॉन्च किया।  

साल 2020 में जब पूरी दुनिया में कोरोना शुरू हुआ तब मुकेश अंबानी अपनी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचकर पैसा जुटा रहे थे। उस समय जियो में हिस्सेदारी बेचकर 1.52 लाख करोड़ रुपए जुटाए गए। इसी के साथ रिलायंस रिटेल ने 10.09% हिस्सेदारी बेचकर 47,265 करोड़ रुपए जुटाए। इसी साल में इसने नेटमैड्स और अर्बन लैडर को खरीदा। जस्ट डायल में भी इसने 41%हिस्सेदारी खरीदी। रिलायंस रिटेल के 77 स्टोर भारत के बाहर हैं।  

वित्तवर्ष 2020 में रिलायंस रिटेल का रेवन्यू 1.62 लाख करोड़ रुपए रहा। इसमें ग्रॉसरी सेगमेंट से 34,602 करोड़ रुपए, फैशन और लाइफ स्टाइल का रेवेन्यू 13,552 करोड़ रुपए, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स का 44,625 करोड़ रुपए, कनेक्टिविटी का 55,944 करोड़ और पेट्रो रिटेल का रेवेन्यू 14,215 करोड़ रुपए था। भारत में इसके कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, फैशन लाइफ स्टाइल और ग्रॉसरी के स्टोर हैं। इसमें सबसे ज्यादा 8,500 स्टोर कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स के हैं। इसमें दक्षिण भारत में 2,117, पूर्वी भारत में 2,167, पश्चिमी भारत में 2,367 और उत्तरी भारत में 2,030 स्टोर हैं। करीबन 2,800 स्टोर इसके फैशन और लाइफ स्टाइल के हैं। 1 हजार के करीब ग्रॉसरी के स्टोर हैं।  

ICICI डायरेक्ट ने अनुमान लगाया है कि वित्तवर्ष 2022 के अंत तक रिलायंस रिटेल का रेवेन्यू 1.94 लाख करोड़ रुपए और 2023 के मार्च तक 2.46 लाख करोड़ रुपए का रेवेन्यू होगा। इसका मतलब यह हुआ कि CAGR की दर 25% रह सकती है। कंपनी ने 10% हिस्सेदारी बेचकर 47 हजार करोड़ रुपए जुटाया था। यानी इसका इक्विटी वैल्यूएशन 4.70 लाख करोड़ रुपए का पिछले साल था। शेयर बाजार में लिस्टेड रिटेल कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन की बात करें तो सबसे ज्यादा मार्केट कैप डीमार्ट चलानेवाली अवेन्यू सुपरमार्ट का है। इसका मार्केट कैप 2.90 लाख करोड़ रुपए है। टाइटन का मार्केट कैप 2.14 लाख करोड़ रुपए है। रिलैक्सो फुटवेयर का मार्केट कैप 29,772 करोड़ रुपए, ट्रेंट का मार्केट कैप 38,547 करोड़ रुपए है। बाटा का 26,315 करोड़, बिड़ला फैशन रिटेल का 22,464 करोड़ रुपए है।  

मार्च 2021 के वित्तवर्ष में रिलायंस रिटेल का फायदा 5,481 करोड़ रुपए था। मार्च तिमाही में फायदा 2,247 करोड़ रुपए था। रिलायंस रिटेल की पैरेंट कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का रेवेन्यू वित्तवर्ष 2021 में 5.39 लाख करोड़ रुपए रहा। वित्तवर्ष 2020 में 6.58 लाख करोड़ रुपए था। 5 साल की इसकी ग्रोथ देखें तो 12.9% CAGR की दर से रेवेन्यू बढ़ा है। यानी इसकी तुलना में रिलायंस रिटेल का रेवेन्यू करीबन 4 गुना की दर से बढ़ा है। वित्तवर्ष 2022 यानी अगले मार्च तक रिलायंस इंडस्ट्रीज का रेवेन्यू 7.21 लाख करोड़ रुपए हो सकता है। जबकि 2023 मार्च तक यह 8.20 लाख करोड़ रुपए हो सकता है। यानी 2021 से 2023 के दौरान 23.3% CAGR की दर से ग्रोथ होगी।  

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