500 कर्मचारी एक झटके में बने करोड़पति,शेयर की कीमतों का कमाल

मुंबई- फ्रेशवर्क्स के शेयर्स की अमेरिकी शेयर बाजार नास्डैक पर लिस्टिंग हुई। इससे कंपनी के 500 कर्मचारी एक झटके में करोड़पति बन गए हैं। लिस्टिंग से कर्मचारियों को मिले शेयर्स की कीमतें अचानक बढ़ गईं।  

फ्रेशवर्क्स की लिस्टिंग अमेरिकी बाजार नास्डैक पर 36 डॉलर प्रति शेयर के मूल्य पर हुई। इसके बाद यह शेयर 25% की बढ़त के साथ 48 डॉलर के भाव पर पहुंच गया। इससे कंपनी का मार्केट कैप 13 अरब डॉलर हो गया। कंपनी ने IPO में 2.85 करोड़ शेयर्स बेचे थे। एक शेयर की कीमत 36 डॉलर तय की गई थी। कंपनी ने IPO से 1.03 अरब डॉलर की रकम जुटाई है।  

कंपनी के CEO गिरीश मात्रुबुथम ने कहा कि कंपनी के करीबन 500 कर्मचारी करोड़पति बन गए हैं। कर्मचारी और निवेशकों ने हमारे ऊपर भरोसा किया, जिसका फायदा उन्हें अब मिला है। उनका कहना था कि मैं इस समय ऐसा महसूस कर रहा हूं, जैसे कोई भारतीय ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के समय महसूस करता है।  

कंपनी के 76% कर्मचारियों के पास शेयर्स हैं। 76% का मतलब 4,300 कर्मचारियों के पास शेयर्स हैं। जो 500 कर्मचारी करोड़पति बने हैं, उसमें से 70 कर्मचारियों की उम्र 30 साल से कम है। ये कर्मचारी कुछ साल पहले ही कॉलेज से डिग्री हासिल करने के बाद कंपनी से जुड़ गए थे। फ्रेशवर्क्स की स्थापना चेन्नई में 2010 में हुई थी। इसका पहले नाम फ्रेशडेस्क था। 2017 में इसका नाम फ्रेशवर्क्स कर दिया गया। इसके पास 52,500 से ज्यादा ग्राहक हैं।  

कंपनी ने नवंबर 2019 में 3.5 अरब डॉलर के वैल्यू पर सिकोइया और एक्सेल जैसे निवेशकों से 15.4 करोड़ डॉलर की रकम जुटाई थी। फ्रेशवर्क्स, इंफोसिस, विप्रो, एचडीएफसी बैंक, डॉ. रेड्‌डी लैब जैसी कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो गई है। यह सभी अमेरिका के नास्डैक एक्सचेंज पर लिस्टेड हैं। सबसे पहले इंफोसिस 1999 में नास्डैक एक्सचेंज पर लिस्ट हुई थी।  

कंपनी IPO से जुटाई गई रकम का उपयोग वर्किंग कैपिटल, ऑपरेटिंग खर्च और अन्य खर्च के लिए करेगी। कंपनी कुछ रकम का उपयोग दूसरी कंपनी के अधिग्रहण पर भी करेगी। फ्रेशवर्क्स पहली भारतीय सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट फर्म है जो अमेरिकी नास्डैक शेयर बाजार पर लिस्ट हुई है।  

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