प्याज की कीमतों में आई तेजी, पर सब्जियों की कीमतें रहीं कम, सरकारी आंकड़ों में दावा
मुंबई- अगस्त महीने में प्याज की कीमतें ऊपर रही हैं, जबकि सब्जियों की कीमतें सस्ती रही हैं। सरकारी आंकड़ों में इस तरह का दावा किया गया है। थोक महंगाई अगस्त में 11.39% रही, जो जुलाई में 11.16% थी। उससे पहले थोक महंगाई लगातार दो महीने घटी थी।
थोक महंगाई बढ़ने से आम आदमी और कंपनियों पर दबाव बढ़ता है। ऐसे में RBI ब्याज दरें घटाने की जगह बढ़ा सकता है। ऐसा होने पर कंपनियों का ब्याज खर्च बढ़ जाएगा। लिहाजा कंपनी के मुनाफे पर दबाव आएगा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में ईंधन की कीमतों में 26.09% और मैन्युफैक्चर्ड प्रॉडक्ट्स के दाम में 11.39% की बढ़ोतरी हुई। मैन्युफैक्चर्ड प्रॉडक्ट्स में फूड प्रॉडक्ट्स (12.59%), टेक्सटाइल (17%), केमिकल (12.11%), बेस मेटल (27.51%) महंगे हुए।
खाने-पीने के सामान सालाना आधार पर 1.29% सस्ते हुए। दालों (9.41%) और प्याज (62.78%) को छोड़कर बाकी खाने-पीने के सामान के दाम में कमी आई। अगस्त में खुदरा महंगाई घटी। यह पिछले महीने 5.30% रही, जो जुलाई में 5.59% थी। यह पिछले 4 महीने में सबसे कम थी।
खाने-पीने के सामान में थोक महंगाई घटी है लेकिन प्याज के दाम में सबसे ज्यादा उछाल आया। अगस्त में इसका दाम पिछले साल से 62.78% ज्यादा रहा। हालांकि आलू (-39.81%) और सब्जियों (-13.30%) के थोक दाम में सबसे ज्यादा गिरावट आई।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, नॉन फूड आर्टिकल में तिलहन (53.79%) के दाम सबसे ज्यादा बढ़े। इसका असर अगस्त में खाद्य तेलों के खुदरा दाम में भी देखा गया। इससे पहले यानी जुलाई में तिलहन के दाम सालाना आधार पर 40.75% बढ़े थे। अगस्त में ईंधन के दाम में उछाल कमर तोड़ने वाली रही। पेट्रोल की कीमत में 61.53% का उछाल आया। हाई स्पीड डीजल 50.69% महंगा हुआ। एलपीजी की कीमत सालाना आधार पर 48.11% बढ़ी। मैन्युफैक्चर्ड प्रॉडक्ट्स कैटेगरी का भी हर आइटम महंगा हुआ।

