अदाणी को मिलने वाले स्पेक्ट्रम के खिलाफ सीओएआई ने उठाया सवाल

मुंबई। कंपनियों को निजी उपयोग के लिए सरकार की ओर से 5जी नेटवर्क का आवंटन किया जाना सबको समान अवसर दिए जाने के सिद्धांत के खिलाफ है। यह बड़ी टेक (प्रौद्योगिकी) कंपनियों को 5जी सेवाएं एवं समाधान देने को पिछले दरवाजे से प्रवेश देने जैसा मामला होगा।

उद्योग संगठन सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने कहा, दूरसंचार सेवा कंपनियों पर लगाए नियामकीय अनुपालन और शुल्क जैसा प्रावधान किए बिना निजी टेक कंपनियों को 5जी स्पेक्ट्रम देने की तैयारी है। सरकार 26 जुलाई से स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू करने वाली है। सीओएआई के सदस्यों में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया हैं।

दरअसल सीओएआई का यह बयान स्पेक्ट्रम की नीलामी में अदाणी कंपनी के शामिल होने के बाद आया है। अदाणी समूह ने शनिवार को 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में शामिल होने की घोषणा की थी। वह स्पेक्ट्रम का उपयोग अपने कारोबार को समर्थन देने के लिए निजी नेटवर्क खड़ा करने में करेगा। कुल 4.3 लाख करोड़ रुपये के 72 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी की जाएगी।

सीओएआई ने कहा, हम इससे खुश हैं कि 5जी स्पेक्ट्रम के लिए कंपनियों ने पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया के जरिये खुली निविदा के लिए आवेदन किया है। इससे सबको समान अवसर मिलेगा। सीओएआई के महानिदेशक एसपी कोचर ने कहा, 5जी के निजी उपयोग से देश में 5जी नेटवर्क खड़ा करने में कोई कारोबारी मदद नहीं मिलेगी।

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