फ्लाइट के किराए की अधिकतम और न्यूनतम सीमा हटेगी
मुंबई- फ्लाइट के अधिकतम और न्यूनतम किराए की सीमा खत्म हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ रही है। वैसे एयरलाइंस कंपनियों को अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के बीच 8 अरब डॉलर के नुकसान की आशंका है। छोटे शहरों जैसे मुंबई से बनारस या फिर पटना से दिल्ली जैसे रूट पर भी फ्लाइट्स अब भर-भर कर जा रही हैं। ऐसे में सिविल एविएशन मंत्रालय किराए पर लगी सीमा को हटाने की योजना बना रहा है।
किराए पर अधिकतम और न्यूनतम सीमा पिछले साल मई में तय की गई थी। 13 अगस्त को सिविल एविएशन मंत्रालय ने किराए की सीमा में अधिकतम 13% और कम से कम 10% की बढ़त की थी। इस वजह से 40 मिनट वाले रूट पर कम से कम किराया 2,900 रुपए हो गया था। जबकि अधिकतम किराया 8,800 रुपए हो गया था। इससे पहले जून में भी सरकार ने न्यूनतम हवाई किराए में 13% से 16% तक की बढ़ोतरी की थी।
किराए की सीमा हटने के बाद विमानन कंपनियां अपने हिसाब से कम या ज्यादा किराया तय कर सकती हैं। इसमें यात्रियों को घाटा और फायदा दोनों हो सकता है। सिविल एविएशन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पिछले हफ्ते कुछ एयरलाइंस के टॉप अधिकारियों के साथ किराए की सीमा को लेकर बात की थी। हालांकि इस पर कुछ फैसला नहीं हो पाया था।
जुलाई के आखिरी सप्ताह की तुलना में अगस्त के पहले सप्ताह में देश में हवाई यात्रियों की संख्या 36% बढ़ गई है। बढ़ोतरी की अहम वजह इकोनॉमिक एक्टिविटी और कम किराया है। हवाई कंपनियों को अभी पूरी फ्लाइट्स को उड़ाने की मंजूरी नहीं है। इस मामले में जल्द ही एक और मीटिंग होने वाली है। उसके बाद इस पर फैसला लिया जा सकता है।
पिछली मीटिंग में विस्तारा, इंडिगो, एयर एशिया और स्पाइसजेट के साथ गो एयर के सीईओ शामिल थे। हालांकि कुछ फ्लाइट्स कंपनियों का मानना है कि जब तक कोरोना की पहली वाली स्थिति में यात्रियों की संख्या नहीं पहुंचती है, तब तक किराए की सीमा को नहीं हटाना चाहिए।