पेटीएम IPO को रोकने की मांग की, 27,500 डॉलर के निवेश पर एक भी शेयर नहीं मिला
मुंबई- पेटीएम आईपीओ पर संकट का बादल मंडरा रहा है। इस IPO को इसके एक पूर्व डायरेक्टर ने रोकने की मांग की है। डायरेक्टर का आरोप है कि उसने 20 साल पहले इस कंपनी में 27,500 डॉलर का निवेश किया था, पर उसे एक भी शेयर नहीं दिया गया।
71 वर्षीय अशोक कुमार सक्सेना का कहना है कि वे कंपनी के को-फाउंडर यानी सह संस्थापक हैं। उन्होंने 20 साल पहले 27,500 डॉलर का निवेश किया था। आज की तारीख में इसकी रुपए में कीमत 20.35 लाख रुपए है। इस मामले में सक्सेना ने दिल्ली पुलिस में मामला भी दर्ज कराया है।
सक्सेना ने इस मामले में सेबी का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने कहा है कि इस IPO को रोका जाना चाहिए। अगर नहीं रोका गया तो निवेशकों का इससे नुकसान हो सकता है। हो सकता है कि सेबी इस मामले में IPO को मंजूरी देने में देरी कर दे। इससे IPO में देरी हो सकती है। पेटीएम का वैल्यू इस समय 25 अरब डॉलर का है।
हालांकि इसमें सेबी क्या फैसला करेगी, यह बाद की बात है। पर उससे पहले पेटीएम कानूनी पचड़े में फंस सकती है। पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा और सक्सेना के बीच 2001 में एक पेज का हस्ताक्षर किया हुआ डॉक्यूमेंट सक्सेना के पास है। इसके मुताबिक, सक्सेना को पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 में 55% शेयर मिलेगा। बाकी का शेयर शर्मा के पास रहेगा।
दिल्ली पुलिस को दिए जवाब में 29 जून को पेटीएम ने कहा है कि सक्सेना और पेटीएम के बीच जो डॉक्यूमेंट साइन किया गया है, वह केवल एक लेटर ऑफ इंटेंट है। यह कोई एग्रीमेंट नहीं है। पेटीएम ने यह भी दावा पुलिस को दिए जवाब में किया है कि सक्सेना को-फाउंडर नहीं हैं।
पेटीएम ने कंपनी को बनाने के समय साल 2000 से 2004 के बीच जो डॉक्यूमेंट सरकार के पास जमा किया है, उसके मुताबिक, सक्सेना कंपनी के डायरेक्टर थे। पेटीएम ने पुलिस को दिए जवाब में यह माना है कि सक्सेना कंपनी के पहले डायरेक्टर थे। पर बाद में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं रही।
सक्सेना ने कहा है कि वे इतने सालों तक इसलिए चुप थे क्योंकि एक तो मेडिकल का मामला उनके परिवार में था और दूसरा वो डॉक्यूमेंट गायब हो गया था, जो एक पेज का था। हालांकि पिछले साल गर्मी में यह डॉक्यूमेंट मिल भी गया। पेटीएम और सक्सेना का यह मामला जुलाई में दिल्ली कोर्ट में पहुंच गया था। सक्सेना ने कोर्ट से अपील की थी कि दिल्ली पुलिस को मामला दर्ज करने के लिए आदेश दिया जाए। इस मामले की सुनवाई अब 23 अगस्त को होगी।
इसके शेयरों का भाव 3200 से 3800 रुपए के बीच होगा। IPO में रिटेल निवेशकों के लिए केवल 10% हिस्सा है। कंपनी 8,300 करोड़ रुपए के फ्रेश शेयर जारी करेगी जबकि 8,300 करोड़ रुपए के शेयर वर्तमान शेयर धारक बेचेंगे।