बायजू के खिलाफ पुलिस ने दर्ज की FIR, पढ़ाई के मटेरियल में गलत जानकारी दी
मुंबई- मुंबई की आरे कॉलोनी पुलि ने एडटेक कंपनी बायजू के मालिक के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) रजिस्टर्ड किया है। यह FIR केंद्रीय लोकसेवा आयोग (UPSC) के बारे में गलत जानकारी देने के मामले में दर्ज की गई है। इस FIR में कंपनी के मालिक रविंद्रन का नाम दर्ज किया गया है। यह शिकायत क्रिमिनोलॉजी फर्म क्रिमियोफोबिया ने दर्ज कराई है।
क्रिमियोफोबिया ने आरोप लगाया है कि बायजू ने UPSC करिकुलम में गलत जानकारी दी है। करिकुलम में यह कहा गया है कि सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) युनाइटेड नेशंस कन्वेंशन अगेंस्ट ट्रांसनेशनल ऑर्गनाइज्ड क्राइम (UNTOC) की नोडल एजेंसी है। हालांकि CBI ने यह कहा है कि वह UNTOC की कोई नोडल एजेंसी नहीं है।
क्रिमियोफोबिया के स्नेहिल ढाल ने कहा कि हमारे पास मई में बायजू के UPSC करिकुलम में यह जानकारी सामने आई थी और हमने बायजू को ईमेल कर यह गलती सुधारने को कहा। बायजू ने इसके जवाब में गृह मंत्रालय का एक पत्र भेजा और दावा किया कि CBI UNTOC की नोडल एजेंसी है। हालांकि यह मामला 2012 का था।
ढाल ने कहा कि बाद मैने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई। दरअसल भारत का UNTOC में टॉप एजेंडा आतंकवाद का विरोध है और UNTOC आतंक को खत्म करने के लिए एक प्रमुख कानून है। उन्होंने कहा कि UNTOC में तीन प्रमुख प्रोटोकॉल है जिसमें मानव तस्करी, हथियाओं की तस्करी और मनी लांड्रिंग शामिल हैं। बायजू ने इस मामले में कहा कि उसे अभी तक FIR की कॉपी नहीं मिली है।
बायजू ने कहा कि इस संबंध में क्रिमियोफोबिया को 2012 का गृहमंत्रालय का एक पत्र भेजा गया है जिसमें यह बात सही साबित होती है। बायजू ने कहा कि हम जो भी सूचना देते हैं, वह सभी सही सोर्स से और विश्वास वाले सोर्स से ली जाती हैं। उसका वेरिफिकेशन भी किया जाता है।
बायजू एजुकेशन टेक्नोलॉजी (एडटेक) फर्म है। कोरोना के समय में जब स्कूल और कॉलेज बंद हो गए तो उस दौरान इस कंपनी ने जबरदस्त ग्रोथ की और देश के दूर दराज इलाकों तक इसकी पहुंच बनी। इस समय इसके 10 करोड़ ऐप डाउनलोड हैं। 5 करोड़ इसके रजिस्टर्ड छात्र हैं। 35 लाख इसके ऐसे ग्राहक हैं जो पैसे देकर सेवा लेते हैं। दुनिया के 1701 शहरों में यह सेवा देती है। इसे 2015 में शुरू किया गया था।

