हवाई जहाज की यात्रा होगी महंगी, ATF की कीमतों के बढ़ने का असर

मुंबई– हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों को अब ज्यादा किराया देना होगा। कारण यह है कि तेल कंपनियों ने एयर टर्बाइन फ्यूल यानी ATF की कीमतों में इजाफा कर दिया है। पिछले 6 महीनों में इसकी कीमतों में 30% का इजाफा हुआ है।  

ताजे मामले में गुरुवार को दिल्ली में ATF की कीमत में 3.6% का इजाफा देखा गया। इससे इसकी कीमत 68 हजार 262 रुपए प्रति किलो लीटर पर पहुंच गई। जनवरी में इसकी कीमत 50 हजार 979 रुपए थी। तब से लगातार तेल कंपनियां इसकी कीमतों में इजाफा कर रही हैं। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने कहा कि उसने गुरुवार को कीमतों में बढ़ोत्तरी कर दी है। यह कंपनी ATF की सबसे बड़ी सप्लायर है।  

ATF की बढ़ती कीमतों के पीछे कारण यह था कि वैश्विक स्तर पर तेलों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। इसलिए तेल कंपनियों ने यहां भी कीमतें बढ़ाना शुरू किया है। दिल्ली में इसकी कीमतें 68 हजार 262 रुपए पर पहुंच गई हैं। कोलकाता में यह 3.27% बढ़ कर 72 हजार 295 रुपए पर जबकि मुंबई में यह 3.77% बढ़ कर 66 हजार 483 रुपए पर पहुंच गई है। चेन्नई में भी इसकी कीमत 66 हजार 483 रुपए ही है।  

आंकड़ों के मुताबिक, जेट फ्यूल की कीमतों में आगे भी बढ़त हो सकती है। जनवरी में 50 हजार 979 प्रति किलोलीटर की कीमत फरवरी में गिर कर 53 हजार 795 रुपए पर पहुंच गई थी। मार्च में यह हालांकि फिर से बढ़ कर 59 हजार 400 रुपए और अप्रैल में यह 58 हजार 374 रुपए प्रति किलोलीटर पर पहुंच गई। मई में यह बढ़ कर 61 हजार 690 रुपए जबकि जून में यह 64 हजार 118 रुपए पर पहुंच गई थी।  

एविएशन एक्सपर्ट के मुताबिक, ATF की कीमतें भारतीय एविएशन इंडस्ट्री में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। टिकट की कीमतें इसी ATF पर तय होती हैं। यदि ATF की कीमतें इसी तरह रहीं तो टिकट की कीमतों में भी तेजी आ सकती है। यात्रियों को इसे चुकाना होगा। दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या में इस समय गिरावट आ रही है। लॉकडाउन और ट्रैवेल प्रतिबंध के कारण ऐसा हो रहा है।  

देश में मई में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या 4500 हर दिन थी जो जून में बढ़ कर 7500 हो गई। हालांकि अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट अभी भी 31 जुलाई तक सस्पेंड हैं। दिल्ली एयरपोर्ट पर घरेलू यात्रियों की बात करें तो मई में रोजाना 18 हजार यात्रियों का आना जाना था। जून में यह बढ़ कर 62 हजार के पार चला गया। कोरोना की दूसरी लहर के बाद से हवाई यात्रियों की संख्या घट गई है। जबकि फरवरी और मार्च के दौरान इसमें तेजी देखी गई थी।   

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