रामदेव के भाई और बालकृष्ण ने दिया बैंक को रुचि सोया के लिए पर्सनल गारंटी
मुंबई– बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि रुचि सोया में अपनी हिस्सेदारी कम करने के लिए फॉलो ऑन पब्लिक इश्यू ला रही है। इस FPO के जरिये 4,300 करोड़ रुपए जुटाने के लिए कंपनी ने सेबी के पास आवेदन किया है।
रुचि सोया के FPO के लिए फाइल किए गए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रोस्पेक्टस (DRHP) में इस बात का खुलासा हुआ है कि कंपनी को खरीदने के लिए पातंजलि आयुर्वेद ने एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक और कैनरा बैंक सहित अन्य बैंकों से जो 3375 करोड़ रुपये का लोन लॉन्ग टर्म के लिए लिया था, उस लोन की पर्सनल गारंटी स्वामी रामदेव के छोटे भाई राम भारत और बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने दी थी।
राम भारत और बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के अलावा इस लोन की गारंटर रुचि सोया के प्रमोटर्स, पातंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, पातंजलि परिवहन प्राइवेट लिमिटेड, दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट और पातंजलि ग्रामउद्योग न्यास हैं। इस सभी ने लेंडर्स को लेटर ऑफ कंफोर्ट सौंपा है।
किसी कंपनी को दिए लोन में पर्सनल गांरटी की बात इसलिए अहम हो जाती है, क्योंकि अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा कि अगर कोई कंपनी पेमेंट डिफॉल्ट करती है तो उसके लेंडर प्रमोटर्स के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं और उस लोन को देने की जवाबदेही प्रमोटर्स की होगी।
सितंबर 2019 में पतंजलि ने दिवालिया प्रक्रिया के तहत 4350 करोड़ रुपए में रुचि सोया को खरीदा था। अब पतंजलि के प्रमोटर्स FPO के जरिये रुचि सोया में अपनी हिस्सेदारी घटाएंगे। स्वामी रामदेव ने कहा कि उनका रुचि सोया में 15 से 25 फीसदी हिस्सेदारी कम करने का प्लान है।
कंपनी में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 98.90 फीसदी और पब्लिक की हिस्सेदारी 1.10 फीसदी है। जबकि मार्केट रेगुलेटर सेबी के नियमों के मुताबिक कंपनी में कम से कम 25 फीसदी हिस्सेदारी पब्लिक की होना चाहिए। इसी के कारण पातंजलि ग्रुप कंपनी में अपनी हिस्सेदारी घटाने जा रही है।