रिजर्व बैंक ने कहा, पीरामल नया मैनेजमेंट है, फिर भी DHFL के लिए डिपॉजिट नहीं ले सकता

मुंबई– भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा है कि DHFL ग्राहकों से डिपॉजिट नहीं ले सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि रिजर्व बैंक ने इसे डिपॉजिट लेने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) का स्टेटस हटा दिया है। यह पहली फाइनेंशियल सर्विसेस फर्म है जो दिवालिया की प्रक्रिया में गई है।  

दिवालिया प्रक्रिया में जाने के बाद इसे नॉन डिपॉजिट लेने वाली हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के रूप में क्लासीफाइड किया गया है। क्लासिफिकेशन पीरामल ग्रुप द्वारा बिड को मंजूरी देने से पहले ही कर दिया गया था।  DHFL के प्रमोटर्स वधावन परिवार पर आरोप था कि उन्होंने जनता के पैसों के साथ धोखाधड़ी की और 21 बैंकों के 95 हजार करोड़ रुपए डुबो दिए। इसमें डिपॉजिट जमा करने वालों के भी पैसे थे।  

DHFL के 55 हजार रिटेल और संस्थागत निवेशक थे जिनका इसकी फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी में 5,375 करोड़ रुपए का निवेश था। पीरामल ग्रुप के 35,250 करोड़ रुपए के ऑफर को कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स ने 15 जनवरी 2021 को मंजूरी दी थी। 7 जून को एनसीएलटी के आदेश में भी यह बात कही गई है। इसी ने पीरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस की 35,250 करोड़ रुपए की बोली को मंजूरी दी है। 

86 पृष्ठ के एनसीएलटी के आदेश में इसकी जानकारी दी गई है। इसके बाद DHFL और पीरामल कैपिटल की एक गैर डिपॉजिट हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के रूप में कार्य करेगी। एनसीएलटी ने इसके मामले को 3 दिसंबर 2019 को मंजूर किया था और इसकी दिवालिया की प्रक्रिया को 7 जून 2021 को क्लीयर कर दिया था। हालांकि कोरोना की वजह से पूरी प्रक्रिया में देरी भी हुई। हालांकि शुरू में कंपनी के प्रमोटर्स वधावन परिवार ने इसमें 92 हजार करोड़ रुपए का पेमेंट करने की बात कही थी जिसकी वजह से इस मामले में और दिक्कतों आ गई थीं।  

पीरामल ग्रुप ने कुल 37,250 करोड़ रुपए का रेजोल्यूशन प्लान पेश किया है। इसमें 14,700 करोड़ रुपए का अपफ्रंट कैश, 3,000 करोड़ रुपए का एंटाइटलमेंट और 19,500 करोड़ रुपए की डेट सिक्युरिटीज शामिल हैं। डेट सिक्युरिटीज का भुगतान 10 साल में किया जाएगा।  

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