प्रधानमंत्री की इस योजना में नहीं है लोगों की दिलचस्पी, रजिस्ट्रेशन की संख्या में आई गिरावट
मुंबई– असंगठित क्षेत्र के वर्कर्स के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के प्रति लोगों का रुझान कम हो रहा है। साल 2021-22 में इसमें नए रजिस्ट्रेशनों की संख्या बीते साल के मुकाबले आधी रह गई है। इस योजना के तहत सरकार 15 हजार रुपए से कम इनकम वाले मजदूरों को 60 साल की उम्र के बाद 3000 रुपए प्रति माह की पेंशन देगी।
साल 2019-20 में इस स्कीम में रोजाना 4,361 रजिस्ट्रेशन होते थे जो 2020-21 में घटकर 356 पर आ गए। अब अगर साल 2021-22 की बात करें तो 10 जून तक इसमें हर घंटे मात्र 150 ही रजिस्ट्रेशन हुए है। ये दिखाता है कि लोगों का इस योजना से ध्यान भंग हो रहा है। 15 फरवरी 2019 को जब इस योजना की शुरुआत की गई थी तक लेकिन 2 साल 4 महीनों में इससे सिर्फ 44 लाख लोग ही जुड़े हैं। यानी सरकार को अभी तक 5 करोड़ रजिस्ट्रेशनों की उममीद थी लेकिन अब तक उसका 10% भी नहीं हो सका है।
इस स्कीम में आपको 10 साल निवेश करना होता है। इसके बाद आपके 60 साल का होने पर आपको हर महीने 3 हजार रुपए पेंशन मिलती है। मान लीजिए आप 40 साल की उम्र में इसमें रजिस्ट्रेशन कराते हैं तो आपको 20 साल बाद यानी 2041 में पेंशन मिलना शुरू होगी। इस योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के वर्कर्स को 60 साल की उम्र के बाद 3000 रुपए पेंशन मिलती है। योजना के तहत जितना कंट्रीब्यूशन हर महीने लाभार्थी करता है, उतना ही सरकार उसमे मिलाती है। यानी अगर आपका कॉन्ट्रिब्यूशन 100 रुपए है तो सरकार भी इसमें 100 रुपए मिलाएगी।
ये योजना असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों के लिए है। इनमें घर में काम करने वाले, रेहड़ी लगाने वाले दुकानदार, ड्राइवर, प्लंबर, दर्जी, मिड-डे मील वर्कर, रिक्शा चालक, निर्माण कार्य करने वाले मजदूर, कूड़ा बीनने वाले, बीड़ी बनाने वाले, हथकरघा, कृषि कामगार, मोची, धोबी, चमड़ा कामगार को शामिल किया गया है। योजना के लिए असंगठित क्षेत्र के मजदूर की इनकम 15,000 रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। सेविंग बैंक अकाउंट या फिर जन-धन अकाउंट की पासपोर्ट और आधार नंबर होना चाहिए। उम्र 18 साल से कम और 40 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।