2020-21 में बेहतर प्रदर्शन करेंगी निफ्टी-50 कंपनियां, दोगुना बढ़ सकता है फायदा

मुंबई– निफ्टी-50 कंपनियां सालाना आधार पर बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं। इन कंपनियों का फायदा पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में दोगुना बढ़ सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उस समय इनको कोरोना के कारण बड़े पैमाने पर प्रोविजन और नुकसान उठाना पड़ा था।  

दरअसल किसी भी संभावित आंकलन के आधार पर कंपनियां एक प्रोविजन करती हैं कि आगे कितने का नुकसान या फायदा हो सकता है। पिछले साल कोरोना की वजह से कंपनियों को नुकसान के लिए ज्यादा प्रोविजन करना पड़ा था।  

विभिन्न ब्रोकरेज हाउसों के अलग-अलग अनुमानों से पता चलता है कि इन कंपनियों के रेवेन्यू में 20% की बढ़त हो सकती है। जबकि शुद्ध फायदा पिछले साल की तुलना में दोगुना हो सकता है। तिमाही आधार की बात करें तो मार्च तिमाही में इनका रेवेन्यू 18% और फायदा 2% बढ़ सकता है। ब्रोकरेज हाउसों का अनुमान है कि कंपनियों की ग्रोथ में साइक्लिकल सेक्टर जिसमें मेटल और ऑटो हैं, उनका बेहतर योगदान हो सकता है।  

हालांकि कंपनियों पर लागत और ईंधन के साथ कच्ची सामग्री की कीमतें बढ़ने का दबाव भी बना रहेगा। इससे कंपनियों के ऑपरेटिंग मार्जिन पर असर दिख सकता है। पिछले साल के लॉकडाउन के बाद से काफी कुछ रिकवर भी हुआ है। हालांकि इस साल फिर से एक बार लॉकडाउन की शुरुआत कुछ हिस्सों में होने से कंपनियों को पहली तिमाही में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।  

ब्रोकरेज हाउसों की रिपोर्ट के मुताबिक, माल ढुलाई या ट्रांसपोर्टेशन की दरें पिछले कुछ महीनों में कुछ रूट्स पर दोगुना से भी ज्यादा बढ़ गई हैं। इससे ऑपरेटिंग लागत में बढ़त हो सकती है। ब्रोकरेज हाउसों का मानना है कि कोरोना का दूसरा चरण भले ही दिख रहा है, पर कंपनियों का प्रदर्शन अच्छा रहेगा। इनका मानना है कि वित्त वर्ष 2021-11 में अर्थव्यवस्था में रिकवरी चौंकाने वाली रहेगी। यह तब होगा, जब कोरोना का दूसरा चरण कुछ समय में नियंत्रण में होगा। निफ्टी-50 कंपनियों की बात करें तो इसकी प्रति शेयर की आय 2021-22 में 36% बढ़ सकती है। इसमें बैंकिंग, इंफोटेक, ऑटोमोबाइल और फाइनेंस का प्रमुख योगदान होगा।  

विश्लेषकों के मुताबिक, ऑटोमोबाइल सेक्टर की बात करें तो इसकी मार्जिन पर दबाव दिख सकता है। क्योंकि कच्ची सामग्री की कीमतें बढ़ी हैं। बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर में उधारी की मांग दिखी है। खासकर ब्याज दरें कम होने से कुछ हिस्सों में होम लोन की अच्छी मांग रही है। इसके साथ ही रिटेल सेगमेंट में भी बैंकों ने अच्छा लोन दिया है।  

सीमेंट सेक्टर की बात करें तो इसमें एक स्थिर मांग रही है। इंफ्रा और कम कीमत वाले घरों के प्रोजेक्ट की मांग रही है। इसमें बड़ी कंपनियां जैसे एसीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, अंबूजा जैसों के वोल्यूम ग्रोथ में 10-12% की बढ़त दिख सकती है। एफएमसीजी सेक्टर में गांवों से अच्छी मांग रही है। कच्ची सामग्रियों की ज्यादा कीमतों से हालांकि इन पर असर दिखा है। इस सेक्टर में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट, एशियन पेंट्स, ब्रिटानिया और नेस्ले जैसी कंपनियों को अच्छा फायदा हो सकता है।  

ऑयल एवं गैस सेक्टर में मजबूत रिफाइनरी युटिलाइजेशन का फायदा मिलेगा। पिछले साल इनकी मांग घट गई थी। पर इस साल इसकी मांग फिर से कोरोना के पहले के लेवल पर आ गई हैं। इसका फायदा रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को मिल सकता है। फार्मा एक ऐसा सेक्टर है जिसको कोरोना का ज्यादा फायदा हो सकता है। इसमें सिप्ला, ग्लेन मार्क जैसी कंपनियों को फायदा होगा। सन फार्मा और डॉ. रेड्डी भी इस सेक्टर में अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *