आईटी हार्डवेयर को 17 हजार करोड़ की पीएलआई, 75 हजार नौकरियां मिलेंगी 

मुंबई- केंद्रीय कैबिनेट ने आईटी हार्डवेयर सेक्टर के लिए पीएलआई 2.0 योजना को मंजूरी दे दी है। बुधवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आईटी हार्डवेयर के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना 2.0 को मंजूरी दे दी गई है।  

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 17 हजार करोड़ रुपये के बजट के साथ आईटी हार्डवेयर सेक्टर के लिए इस पीएलआई 2.0 योजना को 6 वर्ष के लिए मंजूरी दी गई है। उन्होंने दावा किया कि इस नई प्रोत्साहन योजना को मंजूरी मिलने से आईटी हार्डवेयर सेक्टर में लगभग 3.35 लाख करोड़ रुपये के उत्पादन में बढ़ोतरी होने और लगभग 2,430 करोड़ रुपये का निवेश आने की संभावना है। 

केंद्रीय मंत्री ने इंडियन ब्रांड्स को मजबूत करने की सरकार की मंशा का जिक्र करते हुए इससे सीधे तौर पर 75 हजार नए रोजगार के अवसर पैदा होने और प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों प्रकार के रोजगारों की संभावनाओं को मिलाने पर दो लाख से भी कहीं ज्यादा नए रोजगार के अवसर पैदा होने का दावा किया है। 

केंद्रीय मंत्री ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग और मोबाइल फोन के निर्माण में भारत की उपलब्धियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोक्सड नीति के कारण भारत ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में इस साल उत्पादन में 105 बिलियन अमरीकी डालर (लगभग 9 लाख करोड़ रुपये) के एक प्रमुख बेंचमार्क को पार कर लिया है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निमार्ता बन गया है। मोबाइल फोन का निर्यात इस साल करीब 90 हजार करोड़ रुपये के एक बड़े पड़ाव को पार कर गया है।  

आईटी हार्डवेयर सेक्टर के लिए इस नई पीएलआई स्कीम में लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पीसी, सर्वर और अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर डिवाइस शामिल हैं। भारत सभी वैश्विक बड़ी कंपनियों के लिए एक विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला भागीदार के रूप में उभर रहा है। बड़ी आईटी हार्डवेयर कंपनियों ने भारत में विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने में गहरी दिलचस्पी दिखाई है। यह देश के भीतर अच्छी मांग वाले मजबूत आईटी सेवा उद्योग द्वारा समर्थित है। अधिकांश बड़ी कंपनियां भारत में स्थित सुविधा से भारत के भीतर ही घरेलू बाजारों में आपूर्ति करना चाहती हैं और इसके साथ ही भारत को निर्यात का केंद्र भी बनाना चाहती हैं। 

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