कोरोना से छोटे शहरों और गांवों पर कम असर हुआ, इसलिए वहां स्टेशन बढ़ाने की पेट्रोलियम कंपनियों की योजना
मुंबई– तेल कंपनियां इस समय गांवों पर फोकस कर रही हैं। कोरोना का असर छोटे शहरों और गांवों में कम हुआ है। यही कारण है कि तेल कंपनियां वहां पर तेल स्टेशन खोलने की योजना पर ज्यादा फोकस कर रही हैं।
दरअसल देश की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा कोरोना के विनाशकारी प्रभाव से अछूता रहा है। यह इस देश का विशाल ग्रामीण इलाका है। पिछले साल मार्च में लॉकडाउन लगाकर लोगों को उनके घरों में बंद रहने को मजबूर कर दिया गया था। बड़े-बड़े शहरों पर इसका काफी बुरा असर पड़ा था, लेकिन दूरदराज के छोटे टाउन और गांव पर इसका बहुत ही कम असर देखने को मिला था। फसलों की बंपर पैदावार होने से और सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को ज्यादा से ज्यादा सहूलियत दिए जाने से फिलहाल गांव के किसानों और मजदूरों की स्थिति में अच्छा खासा सुधार हुआ है।
भारत के भीतरी इलाकों (hinterlands) का बढ़ता आर्थिक महत्व व्यापार की विस्तार योजनाओं को आगे बढ़ा रहा है। यही कारण है कि गांव वाले इलाकों में ज्यादा से ज्यादा सर्विस स्टेशन खोला जा रहा है। भारत पेट्रोलियम (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प (HPCL) ने कहा कि उन्होंने इस साल ग्रामीण क्षेत्रों में आउटलेट को बढ़ाने की योजना बनाई है। देश में तीन बड़ी तेल कंपनियों में ये दोनों हैं।
HPCL के चेयरमैन मुकेश कुमार सुराना ने कहा कि एक तरफ जहां फर्स्ट लेवल के शहरों में डिमांड स्थिर है, वहीं पर ग्रामीण इलाकों में इसकी मांग अभी बरकरार है। उन्होंने कहा कि एचपीसीएल जिन नए आउटलेट को खोलने के लिए देख रहा है वे छोटे-छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में होंगे।
1950 के बाद से आई अब तक की सबसे भयावह मंदी से उबरने के लिए भारत कृषि क्षेत्र की ओर बड़ी उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा है। देसी ऑटो बनाने वाली कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा के लिए गांव काफी महत्वपूर्ण रहा। ऐसा इसलिए कि ट्रैक्टर की जम कर बिक्री हुई है।
पिछले महीने अंबुजा सीमेंट के सीईओ नीरज अखौरी ने कहा था कि देश का गांव शहरी क्षेत्रों को प्रदर्शन के मामले में काफी पीछे छोड़ देने वाला है। भारत की अर्थव्यवस्था ने कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों में लगातार गिरावट के बीच पिछली तिमाही में मंदी से खुद को बाहर निकाला। इसमें कृषि सेक्टर ने अच्छा प्रदर्शन जारी रखा। इस दौरान जीडीपी में मामूली बढ़त देखी गई।
एचपीसीएल और बीपीसीएल इंडियन ऑयल के साथ मिलकर भारत में कुल ईंधन का 90% से अधिक हिस्सा बेचते हैं। दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल आयातक देश में गांवों में सर्विस स्टेशनों की हिस्सेदारी जनवरी में 26.8% तक बढ़ गई जो एक साल पहले 24.8% थी।
डीजल भारत में सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला पेट्रोलियम उत्पाद है। कुल ईंधन उपयोग में लगभग 40% इसका हिस्सा है। ट्रांसपोर्ट के बाद कृषि में सबसे ज्यादा डीजल का उपयोग होता है। तेल मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत पेट्रोलियम ने पिछले एक साल में 2,212 आउटलेट खोले, जिनमें से दो तिहाई गांव में हैं।
भारत पेट्रोलियम के डायरेक्टर एन विजय गोपाल ने कहा कि हमारे प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले हमारी उपस्थिति ग्रामीण क्षेत्रों में उतनी नहीं थी और इसलिए हमें कोविड-19 में इसका ज्यादा प्रभाव देखने को मिला। इसलिए अब हम उन स्थानों पर रिटेल के अभियान को टारगेट कर रहे हैं जहां हमारी उपस्थित कम रही है। यानी हम गांवों की ओर ज्यादा फोकस करेंगे।

