रिलायंस-फ्यूचर की डील रुकी तो 11 लाख लोग होंगे बेरोजगार
मुंबई– यदि रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुई डील फेल होती है तो करीब 11 लाख लोगों की नौकरी चली जाएगी। ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रोडक्ट्स डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन, FMCG डिस्ट्रीब्यूटर्स एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन दिल्ली और NGO PRAHAR ने एक बयान जारी कर यह बात कही है।
फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस ने यह तय किया था कि बिग बाजार, ईजीडे, नीलगिरी, सेंट्रल, ब्रांड फैक्ट्री समेत सभी कारोबार पहले की तरह चलते रहेंगे। इससे कर्मचारियों और सप्लायर्स की आजीविका खत्म नहीं होगी। हालांकि, अमेजन की ओर से लगाए जा रहे लगातार रोडब्लॉक के कारण इस पर संकट पैदा हो रहा है। डर है कि यदि यह डील फेल हो जाती है तो कई कर्मचारी और सप्लायर अपनी आजीविका से हाथ धो बैठेंगे।
बयान में कहा गया है कि यदि यह डील फेल होती है तो फ्यूचर ग्रुप के देश के 450 शहरों में फैले 2000 से ज्यादा स्टोर बंद हो जाएंगे। इस कारण 11 लाख लोगों को नौकरी चली जाएगी। साथ ही करीब 6 हजार वेंडर और सप्लायर अपना सबसे बड़ा ग्राहक खो देंगे। रिलायंस ने फ्यूचर ग्रुप के सभी वेंडर्स और सप्लायर्स के बकाया का भुगतान करने का वादा किया है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने अगस्त में किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप को खरीदने की घोषणा की थी। यह सौदा 24,713 करोड़ रुपए में हुआ था। इस सौदे के तहत फ्यूचर ग्रुप का रिटेल, होलसेल, लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग कारोबार रिलायंस को मिलेगा। रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड और रिलायंस रिटेल एंड फैशन लाइफस्टाइल लिमिटेड ने फ्यूचर ग्रुप के इन कारोबारों को खरीदा है।
ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुई डील को रोकने की मांग की कोशिश कर रही है। इसके लिए अमेजन ने फ्यूचर कूपंस के बीच हुई डील का हवाला दिया है। अमेजन का तर्क है कि 2019 में फ्यूचर यूनिट के साथ हुए एक अलग सौदे में यह क्लॉज़ था कि फ्यूचर ग्रुप रिलायंस सहित “प्रतिबंधित व्यक्तियों” की सूची में किसी को भी अपनी रिटेल संपत्ति नहीं बेच सकता है।
अमेजन की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप के बीच हुई डील में आगे की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर रिटेल को नोटिस जारी कर जबाव मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर रिटेल के बीच हुए सौदे पर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) को कार्यवाही जारी रखने को कहा है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि NCLT इस मामले में अंतिम फैसला नहीं कर सकेगी।