डीएचएफएल को आरबीआई ने दिया नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट, पिरामल ने जीता था
मुंबई– दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) की बिक्री के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) दे दिया है। दिवालिया प्रक्रिया के दौरान DHFL को खरीदने के लिए पीरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस 37,250 करोड़ रुपए का ऑफर दिया है। पिछले सप्ताह ही RBI ने इस ऑफर को मंजूरी दी थी।
DHFL ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा है कि RBI की ओर से NOC मिलने के बाद कंपनी ने रेजोल्यूशन प्लान जमा करने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के पास आवेदन कर दिया है। इस रेजोल्यूशन प्लान को DHFL की कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) ने मंजूरी दे दी है।
नवंबर 2019 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इंसोल्वेंसी एंड बैंकरप्सी (IBC) कोड के तहत DHFL को दिवालिया घोषित करने के लिए आवेदन किया था। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई बेंच में DHFL की दिवालिया प्रक्रिया चल रही है। कंपनी के बोर्ड को भंग करके आर. सुब्रमण्यकुमार को एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया गया है। DHFL पहली फाइनेंस कंपनी है जिसके खिलाफ RBI ने विशेष शक्ति का इस्तेमाल करके दिवालिया प्रक्रिया के लिए आवेदन किया है।
जुलाई 2019 तक DHFL पर 83,873 करोड़ रुपए का कर्ज था। इसमें बैंक, नेशनल हाउसिंग बोर्ड, म्यूचुअल फंड्स और बॉन्डहोल्डर्स का पैसा शामिल है। DHFL पर सबसे ज्यादा कर्ज स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का है। एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2020 तक DHFL के पास 79,800 करोड़ रुपए के असेट्स थे। इसमें से 50,227 करोड़ रुपए या कुल पोर्टफोलियो का 63% हिस्सा नॉन-परफॉर्मिंग असेट्स (NPA) घोषित हो चुका है।
इस महीने की शुरुआत में जारी किए गए तिमाही नतीजों में DHFL को दिसंबर तिमाही में 13,095.38 करोड़ रुपए का नेट लॉस हुआ है। एक साल पहले समान अवधि में कंपनी को 934.31 करोड़ रुपए का नेट मुनाफा हुआ था। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (सितंबर) तिमाही में DHFL को 2,122.65 करोड़ रुपए का नेट लॉस हुआ था।