शेयर बाजार में डीमैट और ट्रेडिंग खातों में क्या होता है अंतर, यहां पर जानिए
मुंबई– शेयर बाजार में अगर आप निवेशक हैं तो आपको दो तरह के अकाउंट की जानकारी मिलती होगी। एक ट्रेडिंग अकाउंट और एक डीमैट अकाउंट। ट्रेडिंग अकाउंट मतलब जिस अकाउंट से आप शेयरों को खरीदते और बेचते हैं। डीमैट अकाउंट मतलब जिस अकाउंट में आपका शेयर या सिक्योरिटीज जमा होता है। इन दोनों के उद्देश्य अलग-अलग होते हैं। इसे दरअसल 2 इन 1 कहा जाता है।
इन दोनों में अंतर क्या है
ट्रेडिंग अकाउंट आपके शेयर बाजार के लेन देन को बताता है। जबकि डीमैट अकाउंट शेयरों को जमा करता है। मान लीजिए आपने किसी कंपनी के 100 शेयरों को 500 रुपए में खरीदने का ऑर्डर दिया। ऑर्डर पूरा हो जाता है। फिर आपको अगली सुबह 11 बजे तक अपने ट्रेडिंग अकाउंट को इसे प्री फंड करना होता है। यह 2 कारोबारी दिनों के बाद आपके डीमैट अकाउंट में आ जाता है।
इसी तरह जब आप कोई शेयर बेचते हैं तो ट्रेडिंग इंजन को पहले खुद को यह समझना होता है कि आपके डीमैट अकाउंट में कितने शेयर बचे हैं। आप ऑर्डर देंगे तो 1 कारोबारी दिन में आपके डीमैट खाते से शेयर बिक जाएगा। दो कारोबारी दिनों के बाद शेयर की रकम आपके खाते में आ जाएगा। यह ऑन लाइन होता है। अगर आप ऑफ लाइन करते हैं तो शेयर ब्रोकर को आपको उसी दिन डेबिट की स्लिप देनी होती है।
सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि क्या डीमैट खाते में आने से पहले शेयर बेच सकते हैं। यानी सोमवार को खरीद कर सोमवार को ही बेच सकते हैं क्योंकि शेयर तो डीमैट में बुधवार तक आएगा। हां, यह संभव है कि आप डीमैट में शेयर आने से पहले इसे बेच सकते हैं। ब्रोकर आपको अपने डीमैट अकाउंट में आने से पहले शेयरों को बेचने की मंजूरी दे देगा। हालांकि एक जो खतरा है वह यह कि आपको 2 कारोबारी दिनों में डिलिवरी नहीं मिल सकती है। इस स्थिति में आपके शेयर निलामी में जाएंगे और आपके डीमैट खाते में 3 कारोबारी दिन में यह आएगा।
बिना ट्रेडिंग अकाउंट के डीमैट अकाउंट हो सकता है?
हां, यह भी संभव है। अगर आप आईपीओ के लिए आवेदन करते हैं तो आपको शेयर मिलने पर डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है। अगर आप इन शेयरों को केवल रखना चाहते हैं और बेचना नहीं चाहते हैं तो डीमैट अकाउंट ही इसके लिए काफी है। बेचना होगा तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट रखना होगा।
डीमैट अकाउंट एक जरूरी अकाउंट है। हालांकि अगर आप फ्यूचर एंड ऑप्शन में कारोबार करते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं होती है। क्योंकि फ्यूचर एंड ऑप्शन में कैश में कारोबार होता है।

