पॉलिसीधारकों को पैसा देने में एलआईसी अव्वल, 96.6 पर्सेंट रहा क्लेम रेशियो
मुंबई- देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) पॉलिसीधारकों को क्लेम देने में अव्वल रही है। इसने वित्त वर्ष 2020 में 96.6 पर्सेंट क्लेन का निपटारा किया है। यानी 100 लोगों ने पैसा लेने के लिए दावा किया तो उसमें 96.6 लोगों को पैसा दिया गया।
बीमा रेगुलेटर इरडाई की ओर से जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। जीवन बीमा इंडस्ट्री ने कुल 8.46 लाख दावों का निपटान व्यक्तिगत पॉलिसीज के मामले में किया है। इसके तहत कुल 18 हजार 42 करोड़ रुपए पॉलिसीधारकों को दिए गए हैं। क्लेम सेटलमेंट से मतलब यह होता है कि कौन सी कंपनी कितनी आसानी और सही तरीके से पॉलिसीधारकों को उनके आपातकाल समय के दौरान देती है।
ऐसे में पॉलिसीधारकों को चाहिए कि वे उस कंपनी से पॉलिसी खरीदें, जिनका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है। जो आपके संकट के समय में आसानी से पैसा दे सकें।एडलवाइस टोकियो लाइफ का अनुपात 83.4% और सहारा लाइफ का अनुपात 89.4% रहा ।
क्या है क्लेम सैटलमेंट रेशियो?
क्लेम सेटलमेंट रेशियो से एक वित्त वर्ष के दौरान एक लाइफ इंश्योरेंस कंपनी द्वारा सेटल या दिए गए टोटल डेथ क्लेम का पता चलता है। इसका कैलकुलेशन, किए गए टोटल क्लेम में सेटल किए गए टोटल क्लेम से भाग देकर किया जाता है। उदाहरण के लिए, मान लीजिए, एक लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के पास 1000 डेथ क्लेम किए गए हैं, और उनमें से उस कंपनी ने 924 क्लेम का सेटलमेंट किया है, तो उस कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेशियो 92.40% और क्लेम रिजेक्शन रेट 7.60% होगा।
सही सैटलमेंट रेशियो होना जरूरी
ऐसी इंश्योरेंस कंपनी चुनें, जिसका क्लेम सेटलमेंट रेशियो सबसे अच्छा है। क्लेम सेटलमेंट रेशियो की जांच करें। बीमा नियामक हर साल क्लेम सेटलमेंट रेशियो डेटा जारी करता है ताकि सही इंश्योरेंस कंपनी का चयन करने में मदद मिल सके। हमेशा 90 फीसदी से अधिक रेशियो वाली बीमा कंपनी को चुनें। क्लेम सेटलमेंट का सही पता लगाने के लिए 3 से 5 साल का क्लेम सेटलमेंट रेशियो देखना चाहिए।
वित्त वर्ष में जीवन बीमा कंपनियों ने 2,262 दावों को रिजेक्ट कर दिया था। देश में कुल 24 लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां हैं। ग्रुप लाइफ बिजनेस के मामले में 10.26 लाख क्लेम आए। इसमें से 9.98 लाख दावों का निपटारा किया गया।

