सेबी ने एनएसई, पूर्व एमडी और पूर्व सीओ पर 1.5 करोड़ रुपए की पेनाल्टी लगाई
मुंबई- शेयर बाजार रेगुलेटर सेबी ने को-लोकेशन के मामले में बड़ा फैसला लिया है। इसने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), इसके पूर्व एमडी और पूर्व सीओ पर 1.50 करोड़ रुपए की पेनाल्टी लगाई है। यह पेनाल्टी 15 दिनों के अंदर जमा करना होगा।
सेबी ने बुधवार को 95 पेज का ऑर्डर जारी किया। इस ऑर्डर में एनएसई पर 1 करोड़ रुपए, पूर्व चेयरमैन रवि नारायण और पूर्व एमडी चित्रा रामकृष्णा पर 25-25 लाख रुपए की पेनाल्टी लगाई है।
सेबी ने ऑर्डर में कहा कि उसने जनवरी से अगस्त 2015 के दौरान ढेर सारी शिकायतें पाई थीं। यह शिकायत केन फोंग ने की थी। शिकायत को-लोकेशन सुविधा को लेकर थी। को-लोकेशन का मतलब एक-एक ब्रोकर को कुछ सेकेंड पहले कारोबार की सुविधा देने से है। जबकि कुछ लोगों को यही सुविधा कुछ सेकेंड बाद में मिलती थी।
शिकायत के बाद सेबी ने एनसई को छानबीन करने का आदेश दिया। एनएसई ने इसके लिए डेलॉय को नियुक्त किया। डेलॉय ने 23 दिसंबर 2016 को रिपोर्ट सौंपी। इसी बीच ईएंडवाई को भी जांच करने को कहा गया। 12 अप्रैल 2018 को एनएसई की उस समय की सीईओ चित्रा रामकृष्णा ने सेबी को बताया कि इस मामले में कुछ टेक्निकल समस्या थी, जिसकी वजह से ऐसा हुआ।
सेबी ने जांच में पाया कि चित्रा और रवि नारायण दोनों इस मामले में अपनी जिम्मेदारी पूरी करने में फेल रहे। सेबी ने इसके बाद इन दोनों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। सेबी ने कहा कि इस पूरे मामले में सही और पारदर्शी तरीके से सभी को एक साथ सुविधा देने के मामले में एनएसई फेल साबित हुआ।
सेबी ने कहा कि किसी स्टॉक एक्सचेंज का एमडी और सीईओ इस बात से इनकार नहीं कर सकता कि उसे टेक्नोलॉजी की एक सीमित जानकारी ही है। एमडी और सीईओ की यह पूरी तरह से जिम्मेदारी है कि वह इन सब मामलों को देखे। दोनों ने सेबी के प्रोविजन का उल्लंघन किया। सेबी ने कहा कि कुछ लोगों को को-लोकेशन के सुविधा देकर एनएसई ने 2010-11 के दौरान 624 करोड़ रुपए का फायदा कमाया। सेबी ने इस मामले में बुधवार को इन तीनों पर पेनाल्टी लगा दी।