पांच लाख गांवों का होगा ड्रोन से सर्वें, 2.30 लाख लोगों को मिला प्रॉपर्टी कार्ड
मुंबई– देश के नौ राज्यों में लागू स्वामित्व योजना के तहत 2.30 लाख लोगों को प्रॉपर्टी कार्ड बांटे जा चुके हैं। केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय में सचिव, सुनील कुमार ने इसके बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 31 जनवरी, 2021 तक करीब 23,300 गांवों में ड्रोन सर्वे पूरा हो चुका है। करीब 1,432 गांवों के 2.30 लाख लोगों को प्रॉपर्टी कार्ड भी बांटे जा चुके हैं।
कुमार ने बताया कि इस योजना में ड्रोन के जरिए सर्वे होने से गांवों में रिहायशी जमीन से संबंधित 90% से अधिक विवादों का निपटारा हो रहा है। ड्रोन सर्वे से पहले चूना से चिन्हांकन करने से ही 90 से 95 फीसदी विवाद सुलझ जाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल, 2020 को पंचायती राज दिवस के मौके पर स्वामित्व स्कीम का शुभारंभ किया था। इस स्कीम के जरिए गांवों के लोगों को उनकी रिहायशी जमीन और मकान का मालिकाना हक और वैध कागज प्रदान किए जाते हैं। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह स्कीम देश के नौ राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में शुरू की गई है। कुमार ने बताया कि आगामी वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पंचायती राज मंत्रालय का बजटीय आवंटन 913.43 करोड़ रुपए है। ये पिछले साल के संशोधित बजट से 32 फीसदी ज्यादा है।
मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, भारतीय सर्वेक्षण विभाग ने विभिन्न राज्यों में करीब 130 ड्रोन टीम तैनात की हैं। योजना में मार्च 2021 तक 500 ड्रोन तैनात किए जाएंगे। स्वामित्व योजना के तहत जमीन की मैपिंग और जायदाद के आंकड़ों के संग्रहण के लिए पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और मध्यप्रदेश में 210 कंटीन्यूअस ऑपरेटिंग रेफरेंस स्टेशन (CORS) स्थापित किए जा रहे हैं। इस साल मार्च तक ये स्टेशन चालू हो जाएंगे। 2022 तक देशभर में CORS का नेटवर्क तैयार हो जाएगा।
इस योजना में देश के करीब 5.41 लाख गांवों को शामिल किया जाएगा। इसके लिए मंत्रालय ने विभाग को 566.23 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा है। वित्त वर्ष 2021-22 में इस योजना के तहत 16 राज्यों के 2.30 लाख गांवों को शामिल किया जाएगा। इसके लिए 200 करोड़ रुपए के बजटीय प्रावधान है।