6 दिनों में सेंसेक्स 8% के करीब टूटा, मार्केट कैपिटलाइजेशन 13 लाख करोड़ घटा, RIL ने सबसे ज्यादा निराश किया

मुंबई– बाजार की लगातार तेजी अब गिरावट में बदल चुकी है। पिछले 6 दिनों में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 8% के करीब टूट चुका है। 21 जनवरी को यह 50,185 अंक पर था। अब यह 46,285 अंक पर है। यानी इतने दिनों में इसमें 3,900 से ज्यादा अंकों की गिरावट आ चुकी है। इस दौरान बाजार के मार्केट कैपिटलाइजेशन में 13 लाख करोड़ रुपए की कमी आई है। मार्च 2020 से लेकर अब तक यह पहली बार हुआ है जब लगातार मार्केट कैप में इतनी गिरावट आई है। बजट में अगर बाजार के मुताबिक कुछ नहीं हुआ तो बाजार में अच्छी खासी गिरावट आ सकती है।

बजट के आने से पहले बाजार पूरी तरह से रिवर्स जोन यानी उल्टी दिशा में कारोबार कर रहा है। 21 जनवरी को बाजार का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 199 लाख करोड़ रुपए था। यह अब घटकर 186.13 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इस दौरान देश की सबसे दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने सबसे ज्यादा घाटा दिया है। शुक्रवार को BSE सेंसेक्स में 588 से ज्यादा अंकों की गिरावट आई। सेंसेक्स 46,285 अंक पर बंद हुआ। 1 जनवरी को सेंसेक्स ने ऐतिहासिक 50 हजार के आंकड़े को पार किया था। तब इंट्रा डे में इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 199 लाख करोड़ रुपए हो गया था। हालांकि बंद होते समय यह 197 लाख करोड़ रुपए पर था।

टॉरस म्यूचुअल फंड के सीईओ वकार नकवी कहते हैं कि बजट में अगर कुछ अच्छा नहीं आता है तो इसका निगेटिव असर बाजार पर दिखेगा। बजट में डिमांड बढ़ाने के लिए उपाय होनी चाहिए।  लोगों के हाथ में पैसे आना चाहिए। सरकार को चाहिए कि कई सालों से हाउसिंग लोन के ब्याज पर जो डेढ़ लाख रुपए के टैक्स की सीमा है, उसे बढ़ा देना चाहिए। इसका असर यह होगा कि हाउसिंग की डिमांड बढ़ेगी तो इंडस्ट्री चलेगी।

वे कहते हैं कि पिछली बार कॉर्पोरेट का टैक्स घटाकर सरकार ने अच्छा काम किया है। पर इंडिविजुअल लेवल पर सरकार को टैक्स के मामले में सोचना चाहिए। सरकार इनडायरेक्ट टैक्स से पैसा तो ले लेगी, पर डायरेक्ट टैक्स में लोगों को फायदा मिलना चाहिए।

कोटक सिक्योरिटीज के एक्जिक्युटिव वाइस प्रेसीडेंट श्रीकांत चौहान कहते हैं कि यह स्पष्ट है कि बजट जैसे बड़े इवेंट से पहले बाजार से पैसे निकल रहे हैं। अभी तक विदेशी निवेशकों ने 6 हजार करोड़ रुपए के शेयरों की बिक्री कैश सेगमेंट में की है। इन्होंने इंडेक्स फ्यूचर में अपनी पोजिशन घटा ली है। बाजार का उतार-चढ़ाव बढ़ रहा है। निफ्टी का सपोर्ट 13,579 पर हो सकता है। वे कहते हैं कि अगर निफ्टी 13,500 के नीचे जाता है तो फाइनेंशियल, फार्मा और कमर्शियल व्हीकल के शेयरों में खरीदारी करनी चाहिए।

बाजार की इस गिरावट के पीछे दो प्रमुख कारण हैं। एक तो यह कि ज्यादा बढ़ चुके बाजार में अब बजट से पहले कमाई हो रही है। दूसरी बात इस गिरावट से ऐसी उम्मीद है कि बजट में बाजार या इससे जुड़े सेक्टर के लिए कोई अच्छी घोषणा होनी मुश्किल है। साथ ही सरकार कई तरह के नए टैक्स लगा सकती है। इसलिए निवेशक इस समय बाजार में पूरी सतर्कता के साथ कारोबार कर रहे हैं।

बाजार की टॉप-10 कंपनियों की बात करें तो RIL ने सबसे ज्यादा घाटा निवेशकों को दिया है। इसका मार्केट कैप 21 जनवरी को 12.99 लाख करोड़ रुपए था। 29 जनवरी को यह 11.68 लाख करोड़ रुपए हो गया है। यानी 1.31 लाख करोड़ रुपए कम हो गया है। शेयरों की बात करें तो इसका शेयर इसी समय में 2100 रुपए से घट कर 1,843 रुपए पर आ गया है। आज यह 1.78 % की गिरावट के साथ बंद हुआ। इस हफ्ते में यह शेयर करीबन 9% गिरा है।

टाटा कंसलटेंसी सर्विसेस (TCS) का शेयर 3112 रुपए पर बंद हुआ। 21 जनवरी को यह 3290 रुपए पर था इसका मार्केट कैप 12.39 लाख करोड़ रुपए था। शुक्रवार को यह घट कर 11.68 लाख करोड़ रुपए हो गया है। टॉप 10 कंपनियों के सभी के शेयरों और मार्केट कैप में अच्छी गिरावट आई है। विदेशी निवेशकों ने 19 हजार 473 करोड़ रुपए के शेयर इस महीने खरीदे हैं। हालांकि सोमवार को उन्होंने 825 करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे। 29 जनवरी को इन्होंने 3,781 करोड़ रुपए के शेयर बेचे हैं।

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