केयर्न एनर्जी के निवेशकों ने भारत सरकार से मध्यस्थता निर्णय का सम्मान करने को कहा
मुंबई– केयर्न एनर्जी पीएलसी के कुछ निवेशकों ने भारत सरकार से मध्यस्थता निर्णय का सम्मान करने को कहा है। साथ ही ब्रिटिश ऑयल एंड गैस कंपनी को 1.2 अरब डॉलर (8.75 हजार करोड़ रु.) लौटाने को भी कहा है। सूत्रों के मुताबिक निवेशकों में ब्लैकरॉक, MFS, फ्रैंकलिन टेंपलटन और फिडेलिटी जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
एक्सचेंड डेटा के मुताबिक केयर्न की तीन-चौथाई यानी करीब 75% हिस्सेदारी दुनिया के टॉप इन्वेस्टर्स के पास है। इसमें अमेरिकी की MFS इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट के पास 529 अरब डॉलर के साथ कंपनी की 14.02% हिस्सेदारी है। कंपनी में दूसरी सबसे बड़ी हिस्सेदारी न्यूयॉर्क बेस्ड ब्लैकरॉक की है, जो 12.19% है। इसी तरह फेडिलिटी इंटरनेशनल, फ्रेंकलाइन टेंपलटन, वैनगार्ड ग्रुप और अबरदीन स्टैंडर्ड इन्वेस्टमेंट की भी कंपनी में हिस्सेदारी है।
इन निवेशकों ने भारत सरकार के साथ-साथ अमेरिका और ब्रिटेन की सरकारों को भी इस बारे में पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि हेग की स्थायी मध्यस्थता अदालत के फैसले का सम्मान होना चाहिए। तीन सदस्यीय ट्रिब्युनल ने पिछले साल दिसंबर में एकमत से ब्रिटेन की ऑयल एंड गैस कंपनी पर पिछली तारीख से 10,247 करोड़ रुपए की टैक्स मांग को खारिज कर दिया था।
ट्रिब्युनल में भारत सरकार द्वारा नियुक्त न्यायाधीश भी शामिल थे। ट्रिब्युलन ने सरकार को उसके द्वारा बेचे गए शेयरों का मूल्य, जब्त डिविडेंड और रोके गए कर रिफंड को लौटाने को कहा था। दरअसल, सरकार ने वेदांता में केयर्न एनर्जी की करीब 5% हिस्सेदारी बेच दिया था। साथ ही 1,140 करोड़ रुपए का डिविडेंड रोक दिया था।
केयर्न केवल सिंगल प्रमोटर वाली कंपनी नहीं है, बल्कि इसमें दुनिया के टॉप निवेशकों की हिस्सेदारी है। अब ये निवेशक अपने हितों का संरक्षण चाहते हैं। इन्होंने मुद्दे के हल के लिए सात साल तक धैर्य के साथ इंतजार किया। अब जबकि अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता निर्णय आ गया है, तो वे चाहते हैं कि इसका सम्मान किया जाए और इस मुद्दे को समयबद्ध तरीके से सुलझाया जाए।
केयर्न के अंतरराष्ट्रीय शेयरधारकों ने कंपनी के 30% से अधिक शेयर बेच दिए हैं। ये शेयरधारक अमेरिका और ब्रिटेन में अपनी सरकारों के साथ-साथ भारत सरकार से भी इस मुद्दे के समयबद्ध तरीके से हल के लिए बातचीत कर रहे हैं। यह दूसरा मौका है जब किसी कंपनी को भारत सरकार के खिलाफ जीत मिली थी।