जानिए बजट के इन शब्दों का हिंदी में क्या होता है अर्थ
मुंबई- वित्त वर्ष 2021-22 का बजट 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का तीसरा बजट होगा। बजट को समझने के लिए इसके कुछ शब्दों को जान लेना जरूरी है। बजट में ऐसे कई शब्दों का इस्तेमाल होते है, जो हमारी आम जानकारी में नहीं होते हैं।
वित्त वर्ष
वित्त वर्ष वह साल होता है जो वित्तीय मामलों में हिसाब के लिए आधार होता है। इसे सरकारों द्वारा लेखांकन और बजट उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाने वाली अवधि भी कहते हैं। व्यापार और अन्य संगठनों द्वारा वित्तीय रिपोर्टिंग के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
आर्थिक सर्वेक्षण
संसद में आर्थिक सर्वेक्षण के दस्तावेज पेश किए जाने के बाद बजट पेश किया जाता है। यह वित्त मंत्रालय द्वारा अर्थव्यवस्था की स्थिति पर अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हुए तैयार किया जाता है।
राजकोषीय नीति
राजकोषीय नीति बजट के संदर्भ में आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है। यह सरकार के खर्च और टैक्सेशन का एक अनुमान है। इसका इस्तेमाल सरकार द्वारा रोजगार वृद्धि, महंगाई को संभालने और मौद्रिक भंडार के प्रबंधन जैसे विभिन्न साधनों को लागू करने और नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है।
राजकोषीय या वित्तीय घाटा
जब सरकार को प्राप्त होने वाला राजस्व कम रहता है और खर्च अधिक होते हैं तो इस इस स्थिति को राजकोषीय या वित्तीय घाटा कहा जाता है। किसी विकासशील अर्थव्यवस्था के लिए कुछ राजकोषीय घाटे को बुरा नहीं माना जाता है। जैसे अगर घाटा किसी देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4 पर्सेंट की सीमा में हो। अगर कुल राजस्व आने वाली इनकम और कुल खर्च के बीच का अंतर सकारात्मक है तो इसे राजकोषीय अधिशेष कहा जाता है।
महंगाई
विभिन्न आर्थिक कारकों की वजह से वस्तुओं और सेवाओं की कीमत में सामान्य वृद्धि होना महंगाई है. इसकी वजह से एक समयावधि में मुद्रा की क्रय शक्ति में कमी आती है. इसे प्रतिशत के रूप में दर्शाया जाता है।
चालू खाता घाटा
यह देश के व्यापार परिदृश्य को संदर्भित करता है। अगर निर्यात अधिक है और आयात के जरिए देश से बाहर जाने वाले पैसे से अधिक पैसा देश में आता है तो स्थिति अनुकूल है और इसे चालू खाता अधिशेष के रूप में जाना जाता है। लेकिन अगर आयात के जरिए देश से बाहर जाने वाला पैसा, निर्यात के एवज में आने वाले पैसे से ज्यादा है तो इसे चालू खाता घाटा कहते हैं।
सीमा शुल्क
सीमा शुल्क उन वस्तुओं पर लगता है, जो देश में आयात की जाती हैं या फिर देश के बाहर निर्यात की जाती हैं।