इनकम टैक्स में कटौती और कॉर्पोरेट को बैंकिंग लाइसेंस दिया जाए
मुंबई-भारतीय उद्योग जगत ने अगले साल बजट के लिए अपनी इच्छा जता दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण के साथ कल बजट की पहली बैठक में देश के प्रमुख उद्योगपतियों ने कहा कि इनकम टैक्स में कटौती की जाए। कम से कम वैकल्पिक टैक्स को खत्म किया जाए।
उद्योगपतियों ने कहा कि प्रतिस्पर्धी आयात टैरिफ लागू हो। कॉर्पोरेट के लिए बैंकिंग लाइसेंस दिया जाए। सरकारी बैंकों में सरकारी होल्डिंग में कमी की जाए और फाइनेंसिंग करने के साथ-साथ आक्रामक विनिवेश कार्यक्रम को बढ़ावा दिया जाए। यानी सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बेची जाए।
CII के चेयरमैन उदय कोटक ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट से पहले बैठक में कहा कि बजट प्रस्तावों को विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। राजकोषीय प्रबंधन (fiscal management) को 3 साल के नजरिए से देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने से ऐसे समय में सरकार के रेवेन्यू में वृद्धि हो सकती है जब टैक्स रेवेन्यू गिर गया है।
कोटक ने कहा कि सरकार को अगले 12 महीनों में बाजार के माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अपनी हिस्सेदारी को 50% से नीचे लाना चाहिए। हालांकि जो 3 या 4 बड़े बैंक हैं, उनमें यह काम नहीं करना चाहिए। फिक्की ने भारतीय रिजर्व बैंक के इंटरनल वर्किंग ग्रुप द्वारा भारतीय निजी क्षेत्र के बैंकों के ओनरशिप गाइडलाइंस और कॉर्पोरेट ढांचे पर की गई सिफारिशों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि अच्छी तरह से शासित गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को बैंकों में बदलने और बड़े कॉर्पोरेट और औद्योगिक घरानों को बैंकों को बढ़ावा देने की अनुमति देने के प्रस्तावों को लागू किया जाना चाहिए।
सीतारमण ने 10 दिवसीय बजट के पहले दिन उद्योग जगत के साथ दो दौर की चर्चा की। बैठक में बायोकॉन की चेयरपर्सन किरण मजूमदार शॉ और भारती इंटरप्राइजेज के वाइस चेयरमैन राकेश भारती मित्तल बिजनेस लीडर्स में शामिल हुए। कच्चे माल पर सबसे कम या शून्य स्लैब, फाइनल प्रोडक्ट पर 5% और 7.5% के बीच का स्टैंडर्ड स्लैब और मध्य स्तर पर 2.5% से 5% के बीच टैरिफ का प्रस्ताव सुझाया गया है।