अफगानिस्तान में उत्तर प्रदेश के 18 लोग फंसे, कंपनी मालिक पासपोर्ट लेकर फरार

मुंबई- अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सैकड़ों भारतीय फंसे हैं। इसमें उत्तर प्रदेश के 18 लोग भी हैं। वे वहां एक स्टील फैक्टरी में काम करते हैं। उन्होंने भारत सरकार से वतन वापसी के लिए गुहार लगाई है। इन लोगों में चंदौली के अमोघपुर गांव के सूरज भी हैं। 

सूरज ने घरवालों को फोन करके वहां के हालात के बारे में बताया है। कहा कि यूपी के कुछ और लोग उनके साथ फैक्टरी में काम करते हैं। सभी का पासपोर्ट फैक्टरी का मालिक लेकर चला गया है। यहां कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अगर जल्द यहां से नहीं निकाले गए तो हम सभी मारे जाएंगे। 

अफगानिस्तान के मौजूदा हालात को देखते हुए भारत सरकार ने अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत रुदेंद्र टंडन और स्टाफ को वापस बुला लिया है। वायुसेना का ग्लोबमास्टर C-17 एयरक्राफ्ट काबुल से 150 लोगों को लेकर गुजरात के जामनगर पहुंच चुका है। भारतीय राजदूत भी इसी विमान से आए हैं। हालांकि, अभी भी बड़ी संख्या में भारतीय वहां फंसे हैं। 

सूरज के परिवार ने सरकार से उसकी सुरक्षित घर वापसी के लिए गुहार लगाई है। वह सूरज के संपर्क में हैं और वीडियो कॉल से बात कर रहे हैं। वहां के हालात जानकर उन्हें डर लग रहा है। सूरज के पिता बुधिराम बीमार हैं। वह ज्यादा बोल नहीं पाते। सूरज के बारे में पता चलने के बाद से उनकी आंखों में आंसू हैं। सूरज की 2014 में शादी हुई थी। उनकी पत्नी रेखा चौहान और 3 साल का बेटा है। 

गृह मंत्रालय ने अफगानिस्तान से भारत आने वाले लोगों के लिए वीजा नियमों में बदलाव किया है। मौजूदा हालात को देखते हुए इलेक्ट्रोनिक वीजा की एक नई कैटेगिरी e-Emergency X-Misc Visa शुरू की गई है। अफगानिस्तान से भारत आने वाले लोगों को जल्द से जल्द वीजा मिल सके, इसके लिए यह सुविधा शुरू की गई है। 

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