ग्लोबलाइजेशन अभी भी जिंदा है और 2020 की रिकवरी में जान फूंक रहा है
मुंबई– कोरोना महामारी के बारे में समझा जा रहा था कि यह ग्लोबलाइजेशन के ताबूत में अंतिम कील डाल देगा और संरक्षणवाद (protectionism) के एक नए युग का आगाज करेगा। पर इसके बजाय, अब यह महामारी, संकट से लोगों को उबारने में अहम रोल अदा करने जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार में तेज गिरावट
लॉकडाउन के दौरान पहले फेज में अंतरराष्ट्रीय व्यापार में गिरावट तेज थी, लेकिन आपातकालीन राजकोषीय और मौद्रिक प्रोत्साहन (मॉनिटरी पैकेज) के दम पर खुशहाली लौटने या यूं कहें कि रिकवरी होने लगी है। इस साल वैश्विक व्यापार एक मजबूत तेजी के साथ खत्म हो रहा है।
अमेरिका-चीन के बीच टैरिफ युद्ध के दो वर्षों के बाद, सप्लायर्स के विशाल नेटवर्क के माध्यम से किया गया ट्रेड ग्राहकों के लिए लाइफलाइन बनकर उभरा है। सैमसोनाइट इंटरनेशनल एसए से वालग्रीन्स बूट्स एलायंस इंक जैसी कंपनियां वैश्विक बाजारों से पीछे हटने के बजाय विदेशों में उत्पादन के अपने स्रोतों को मजबूत कर रही हैं।
विश्व व्यापार संगठन (WTO) के मुख्य अर्थशास्त्री रॉबर्ट कूपमैन ने एक साक्षात्कार में कहा कि हमने जो सीखा है वह यह कि सप्लाई चेन लचीला और फ्लेक्सिबल है। ट्रेड तो सोल्यूशन का हिस्सा है। इसके कई कई प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। दक्षिण कोरिया ने कहा कि उसका एक्सपोर्ट ग्रोथ लौट आया है। इसे अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसे प्रमुख बाजारों में लाभ हुआ। मैन्युफैक्चरिंग के लिए चीन के कैक्सिन मीडिया PMI ने पिछले महीने एक दशक में सबसे ज्यादा उत्पादन किया। चीन के मैन्युफैक्चरिंग के लिए किये गए एक अलग सरकारी जॉ.च में सोमवार को पता चला कि नवंबर में एक्सपोर्ट उम्मीद से ज्यादा तेजी से हुआ।
जापानी कारखानों पर एक PMI का अध्ययन बताता है कि यह देश के अपने पूर्व महामारी के स्तर पर लौट आया है। जबकि ताइवान में यह 2018 के बाद से सबसे अधिक हो गया है। HSBC होल्डिंग्स PLC में ट्रेड फाइनेंसिंग की ग्लोबल हेड नताली ब्लिथ को नहीं लगता कि कंपनियां खुद को नए जोखिमों से बचाने के लिए अपने घरेलू बाजारों में सप्लाई चेन को पीछे हटा रही हैं।
उनका विचार है कि बात जब व्यापार की बात आती है, विशेष रूप से टेक्नोलॉजी की सहायता के साथ, तो महामारी एक बड़े एक्सेलरेटर के रूप में काम कर रही है। क्योंकि कंपनियों के क्षेत्रीय ठिकानों को मजबूत बनाए रखने के लिए उनकी नजर एशिया भर में कुल 3 अरब ग्राहकों पर टिकी हुई है । ब्लिथ ने कहा कि कोविड के पहले चरण में कुछ मॉडल फेल हो गए हैं। लेकिन इसका समाधान है। वर्ष की शुरुआत में WTO ने भविष्यवाणी की थी कि वैश्विक व्यापार प्रवाह 32% तक गिर सकता था, जो गहरी मंदी की सबसे बुरी गिरावट से अधिक हो सकता था।
यदि वर्तमान आंकड़े चौथी तिमाही तक बने रहते हैं तो साल 2020 में विश्व व्यापार संगठन का अनुमान है कि वैश्विक माल व्यापार (global merchandise trade) में केवल 9.2% की गिरावट हो सकती है। 2009 के वित्तीय संकट की गिरावट के लिहाज से यह 12% कम है। महामारी के जवाब में बहुराष्ट्रीय कंपनियां नए तरीके विकसित कर रही हैं और अपने माल का उत्पादन करने के लिए नए स्थान तलाश रही हैं।
सैमसोनाईट का उदाहरण से कुछ ऐसा ही दिख रहा है। इस लगेज निर्माता को पिछले तीन वर्षों के व्यापार में दोहरे झटके लगे हैं। टैरिफ और यात्रा पर प्रतिबंध। पिछले महीने एक कांफ्रेंस कॉल पर इसके अधिकारी ने कहा कि अगले साल कंपनी को चीन से उत्तरी अमेरिका के लिए अपने उत्पादों का 35% से भी कम प्रोडक्ट मिलेगा, जो दो साल पहले के लेवल से 95% कम है। सैमसोनाइट की सप्लाई चेन अब थाईलैंड, वियतनाम और कंबोडिया तक फैली हुई है। इसके सीईओ केली फ्रांसिस ने कहा कि उनकी टीम ने वास्तव में शिफ्टिंग का एक अद्भुत काम किया है और हमारी क्वालिटी हमेशा से बेहतरीन रही है।
आर्चर-डेनियल-मिडलैंड कंपनी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ग्रेग मॉरिस ने हाल ही में एक प्रजेंटेशन के दौरान कहा कि इस बीच, मकई, सोयाबीन, गेहूं और ज्वार जैसी कृषि जिंसों के लिए चीन की भूख काफी मजबूत बनी हुई है। तभी तो महामारी के बावजूद, वैश्विक व्यापार फ्लो वास्तव में पिछले वर्षों की अपेक्षा इस साल बढ़ रहे हैं।
ग्लोबल ट्रेडिंग सिस्टम के लचीलेपन में एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि कई राष्ट्रों ने ऐसे फैसले लिये हैं जो सामूहिक रूप से सबसे संरक्षणवादी प्रवृत्ति के हैं जिसमें अमेरिका प्रमुख है। अब यह देखना है कि अमेरिका के नए नए चुने गए राष्ट्रपति जो बाइडेन इसे किस तरह से आगे ले जाते हैं।
यूरोपीय संघ ने इस सप्ताह संकेत दिया कि यह आने वाले अमेरिकी प्रशासन के साथ बेहतर संबंधों के लिए तैयार है। 27 देशों के यूरोपीय संघ के कार्यकारी शाखा यूरोपियन कमीशन ने बुधवार कहा कि 21वीं सदी में यह मिली जुली ताकत वैश्विक सहयोग को स्थिर करने के लिए अपरिहार्य है। G-20 व्यापार प्रतिबंधों पर WTO की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वायरस की पहली लहर के दौरान, सरकारों ने आम तौर पर अपनी WTO प्रतिबद्धताओं का पालन किया और व्यापार को खुला रखा। उन अर्थव्यवस्थाओं में मध्य मई और मध्य अक्टूबर के बीच 42.9 अरब डॉलर तक आयात गिर गया, जो पिछले पांच महीने की अवधि के दौरान 417.4 अरब डॉलर था।
कूपमैन ने कहा कि सरकारों ने पिछले अनुभवों से सबक सीखा कि व्यापार प्रवाह को रोकना समस्या पैदा करता है। वैश्वीकरण के लिए चुनौतियां हो सकती हैं लेकिन यह एक रिकवरी में मदद करता है। वैक्सीन का तेजी से विकास अपने आप में ग्लोबलाइजेशन का एक उत्पाद है, जिसमें निवेश और वैज्ञानिक विशेषज्ञता को सीमाओं के पार साझा किया जा रहा है। कूपमैन ने कहा कि सरकारों को उन कंपनियों और कामगारों के लिए झटका कम करने के लिए और राजकोषीय और मौद्रिक उपाय करने की आवश्यकता होगी जो फिर से अपनी आजीविका में खलल पड़ता देख रहे हैं। अगर वैक्सीन आ जाती है और लोग फिर से एक बार अपने आप को सुरक्षित महसूस कर खर्च करना शुरू कर देते हैं तो आगे फिर किसी पैकेज की जरूरत नहीं होगी।