पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं होगा तो बीमा करने से मना कर सकती हैं जनरल इंश्योरेंस कंपनियां

मुंबई– आप अगली बार से जब बीमा पॉलिसी का रिन्यूअल कराने जाएंगे तो आपको झटका लग सकता है। कारण यह है कि अगर आपके पास पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं है तो बीमा कंपनियां आपकी पॉलिसी को रिन्यूअल करने से मना कर सकती हैं। इससे आपको दिक्कत हो सकती है। इसलिए ध्यान रखें, जब भी बीमा रिन्यूअल कराने जाएं, पीयूसी सर्टिफिकेट अपडेट रखें। दरअसल बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को सलाह दी है कि वे मोटर इंश्योरेंस पॉलिसियों के रिन्यूअल के समय पॉलिसीधारकों से वैध पोल्यूशंस अंडर कंट्रोल (पीयूसी) सर्टिफिकेट की मांग करें। 

गुरुवार को जारी एक सर्कुलर में आईआरडीएआई ने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली और एनसीआर में सुप्रीम कोर्ट के उपरोक्त निर्देश के पालन की स्थिति के बारे में चिंताएं व्यक्त की हैं। यह सुनिश्चित करें कि देश के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का ईमानदारी से पालन किया जाए। इसका विशेष रूप से दिल्ली (दिल्ली-एनसीआर) क्षेत्र में पालन पर ध्यान दिया जाए। 

जुलाई 2018 में बढ़ते वाहन प्रदूषण पर चिंतित सुप्रीम कोर्ट ने एम सी मेहता बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के मामले में बीमा कंपनियों को निर्देश दिया था कि जब तक कि मोटर बीमा पॉलिसी के रिन्यूअल की तारीख पर उसके पास वैध पीयूसी प्रमाण पत्र न हो, तब तक वाहन का बीमा न करें।  

पीयूसी सर्टिफिकेट क्या है 

यह एक सर्टिफिकेट है जो वाहनों से पैदा होने वाले प्रदूषण नियंत्रण मानकों को पूरा करने के बारे में बताता है। देश में सभी प्रकार के मोटर वाहनों के लिए प्रदूषण मानक स्तर तय किए जाते हैं। एक बार जब कोई वाहन सफलतापूर्वक पीयूसी जांच में सफल हो जाता है तो वाहन मालिक को एक प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। इस सर्टिफिकेट की मदद से आपको पता चलता है कि आपके वाहन का प्रदूषण तय स्तर पर है। यह पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं हैं। 

सरकारी नियमों के मुताबिक सभी वाहनों को अनिवार्य रूप से एक वैध पीयूसी सर्टिफिकेट प्राप्त करना आवश्यक है। मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 के अनुसार किसी भी सार्वजनिक स्थान पर मोटर वाहन चलाने वाले किसी भी व्यक्ति को राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में ड्यूटी पुलिस अधिकारी द्वारा मांग किये जाने पर बीमा का सर्टिफिकेट, रजिस्ट्रेशन का सर्टिफिकेट, पी यू सी सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस दिखाने होंगे। ट्रांसपोर्ट वेहिकल के मामले में सेक्शन 56 में उल्लिखित फिटनेस का प्रमाण पत्र और परमिट भी दिखाना होगा। इसके अलावा वाहन के उपयोग से संबंधित इस अधिनियम के तहत दी गई छूट का कोई सर्टिफिकेट या ऑथोराइजेशन हो तो वो भी दिखाना होगा। 

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