आईपीओ के लिए खाली रह सकता है अगस्त महीना, सितंबर के पहले पखवाड़े में यूटीआई और कैम्स के इश्यू आने की उम्मीद, दोनों जुटा सकते हैं 4,500 करोड़ रुपए
मुंबई– अगस्त महीना आईपीओ के लिए पूरी तरह से खाली रहने वाला है। इस महीने में एक भी आईपीओ नहीं आया है। हालांकि सितंबर के पहले पखवाड़े में दो बड़े आईपीओ आने की उम्मीद दिख रही है। इसमें एक तो यूटीआई म्यूचुअल फंड का आईपीओ है जो 3,000 करोड़ रुपए का हो सकता है। जबकि दूसरा कैम्स का आईपीओ है जो 1,500 करोड़ रुपए का हो सकता है। इस तरह से दोनों कंपनियां मिलाकर 4,500 करोड़ रुपए आईपीओ से जुटा सकती हैं।
बता दें कि यूटीआई म्यूचुअल फंड में तीन प्रमुख सरकारी कंपनियों एलआईसी, बैंक ऑफ बड़ौदा और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को अपनी हिस्सेदारी घटाकर 10 प्रतिशत पर लाना है। फिलहाल इन तीनों की हिस्सेदारी 18.5-18.5 प्रतिशत है। सेबी ने 2018 में ही इन कंपनियों को 2019 मार्च तक यह काम करने का आदेश दिया था। लेकिन इन तीनों ने हिस्सेदारी नहीं घटाई और इस पर सेबी ने हाल में नियमों के उल्लंघन के आरोप में तीनों पर 10-10 लाख रुपए की पेनाल्टी लगाई थी।
बता दें कि यूटीआई में विदेशी कंपनी टी रोवे प्राइस की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत है और अब वह इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत से ऊपर करना चाहती है। यूटीआई देश में आठवें नंबर की सबसे बड़ी म्यूचुअल फंड कंपनी है। उपरोक्त तीनों भारतीय कंपनियां आईपीओ में अपनी हिस्सेदारी बेचेंगी। इस तरह से इस आईपीओ के जरिए करीबन 3,000 करोड़ रुपए जुटेगा। इसी तरह कैम्स भी 1,500 करोड़ रुपए का आईपीओ लानेवाली है। यह म्यूचुअल फंडों के लिए काम करती है और कई कंपनियों ने मिलकर इसे स्थापित किया है।
बता दें कि इससे पहले जुलाई में रोसारी बायोटेक का 500 करोड़ रुपए का आईपीओ आया था। यह चार महीने बाद पहला आईपीओ आया था। हालांकि इसके बाद भी केवल एक आईपीओ आया जो माइँडस्पेस बिजनेस पार्क रिट का आईपीओ था। इस आईपीओ ने 4,500 करोड़ रुपए बाजार से जुटाए हैं। वैसे इस पूरे कैलेंडर साल में अब तक कुल तीन आईपीओ ही आए हैं। रोसारी से पहले एसबीआई कार्ड्स का आईपीओ आया था। रोसारी और माइंडस्पेस ने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया था।
वैसे आईपीओ बाजार में तेजी अभी भी दिसंबर तक आने की उम्मीद नहीं है। माना जा रहा है कि एलआईसी और कुछ अन्य आईपीओ आने के बाद बाजार में तेजी आ सकती है। जिस तरह का माहौल है ऐसे में पूंजी जुटाना आसान नहीं है। हालांकि हाल में आईसीआईसीआई बैंक ने 15 हजार करोड़, यस बैंक ने 15 हजार करोड़ रुपए क्यूआईपी से जुटाए हैं, लेकिन रिटेल निवेशकों को बाजार में लाना अभी भी मुश्किल है।