मॉरीशस की कुल आबादी के बराबर एलआईसी के एजेंट्स की संख्या, देश के म्यूचुअल फंड के एयूएम से ज्यादा इसका निवेश, निजी जीवन बीमा कंपनियों की तुलना में तीन गुना अधिक है प्रीमियम

मुंबई- देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का आईपीओ इसी वित्त वर्ष में आने की पूरी संभावना है। यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ है। साथ ही आनेवाले निकट समय में इतने बड़े आईपीओ के रूप में केवल जियो या रिलायंस रिटेल की संभावना दिख रही है। ऐसे में सभी की निगाहें इस आईपीओ पर हैं। हालांकि एलआईसी को अगर देखें तो इसके एजेंट की संख्या मॉरीशस की आबादी के बराबर है। साथ ही देश के म्यूचुअल फंड में 45 कंपनियों का जितना एयूएम है, उतना एलआईसी का निवेश है।  

एलआईसी की सालाना रिपोर्ट से पता चलता है कि कैलेंडर साल 2019 में इसका कुल प्रीमियम 3 लाख 79 हजार 400 करोड़ रुपए रहा है। कनाडा के पूरे जीवन बीमा सेक्टर का प्रीमियम देखें तो 3.70 लाख करोड़ रुपए रहा है। इसी तरह भारत में कुल निजी जीवन बीमा कंपनियों की जारी की गई पॉलिसी की संख्या 70 लाख है जबकि एलआईसी की जारी की गई पॉलिसी की संख्या 2.19 करोड़ है। एलआईसी के एजेंट्स की संख्या 12 लाख है और मॉरीशस की कुल आबादी 12 लाख है।   

एलआईसी का कुल निवेश 29 लाख 19 हजार 478 करोड़ रुपए है जबकि देश में कुल 45 म्यूचुअल फंड का एयूएम इससे कम है जो 27.28 लाख करोड़ रुपए है। एलआईसी की कुल शाखाओं की संख्या 6,500 है जबकि देश में निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी की शाखाओं की संख्या 5,416 है। एलआईसी में सरकार 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचना चाहती है और इससे सरकार को करीबन 80 हजार करोड़ रुपए मिलेगा। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ है और अगले कुछ समय तक इसके आस पास के भी साइज के आईपीओ आने की संभावना नहीं है। अगला बड़ा आईपीओ रिलायंस जियो या रिलायंस रिटेल का आ सकता है। 

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेस के चेयरमैन मोतीलालओसवाल कहते हैं कि एलआईसी की लिस्टिंग भारत में सबसे बड़ीलिस्टिंग अब तक की होगी। इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन रिलायंसइंडस्ट्रीज,एचडीएफसी बैंक, टीसीएस जैसी कंपनियों से आगे निकलसकता है। इसके वर्तमान असेट अंडर मैनेजमेंट और बिजनेस प्रीमियम केआधार पर देखें तो इसका वैल्यूएशन 8-10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादाहोगा।  

वैश्विक बाजारों में भी होगा एलआईसी की लिस्टिंग का असर 

वे कहते हैं कि एलआईसी की लिस्टिंग से वैश्विक इक्विटी बाजारों में देशके स्टॉक बाजार का बड़े पैमाने पर वेटेज बदल सकता है। सरकार इसआईपीओ में बड़े पैमाने पर रिटेल निवेशकों की भागीदारी देख सकती है।यह कर्मचारियों और यूनिट होल्डर्स को शेयर जारी करेगी। यह शेयरडिस्काउंट पर होगा और इसकी वजह से नए निवेशक बाजार में आएंगे।इससे अनुमान है कि 20 करोड़ नए डीमैट खाते खुल सकते हैं। इसकेपास करीबन सवा लाख कर्मचारी हैं। इसकी कुल 32 करोड़ पॉलिसी है।इससे यह पता चलता है कि इसके आईपीओ से कम से कम 4 करोड़रिटेल डीमैट खाते बढ़ सकते हैं। 

रिटेल को मिल सकता है 25 हजार करोड़ का हिस्सा 

अब तक के सबसे बड़े आईपीओ में अगर हम कोल इंडिया के आईपीओको देखें तो इसमें रिटेल का हिस्सा 2.1 गुना भरा था। यह 15 हजारकरोड़ का आईपीओ था। एलआईसी 80 हजार करोड़ रुपए जुटाएगीऔर इसको 35 प्रतिशत रिटेल का हिस्सा माने तो करीबन 25 से 28हजार करोड़ रिटेल के हिस्से में जाएगा। यह कोल इंडिया के आईपीओके रिटेल हिस्से से ढाई गुना ज्यादा होगा। 31 लाख करोड़ रुपए कीअसेट्स वाली एलआईसी की बाजार हिस्सेदारी 75 प्रतिशत पॉलिसी केमामले में है। फर्स्ट ईयर प्रीमियम में इसकी 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है।एलआईसी देश में सबसे बड़ी संस्थागत निवेशक कंपनी भी है। लिस्टिंगके बाद एलआईसी सबसे मूल्यवान लिस्टेड कंपनी देश में होगी। इसकेजरिए विदेशी निवेशक भी आकर्षित होंगे। 

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