कंपनियों ने क्यूआईपी के जरिए 53,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि जुटाई

मुंबई- इस साल जनवरी से लेकर अब तक कंपनियों ने क्वालीफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के जरिए बाजार से 53,197 करोड़ रुपए की राशि जुटाई है। कुल 13 कंपनियों ने क्यूआईपी लाया है। इसमें प्रमुख रूप से एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी का भी समावेश है। 

आंकड़ों के मुताबिक हाल में एचडीएफसी, एक्सिस बैंक और आईसीआईसीई बैंक ने मिलकर 35 हजार करोड़ रुपए की राशि क्यूआईपी के जरिए जुटाई है। इसमें आईसीआईसीआई बैंक ने 15 हजार करोड़ जबकि एक्सिस और एचडीएफसी ने 10-10 हजार करोड़ रुपए की राशि जुटाई है। कंपनियां यह पैसा कोविड में अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए जुटा रही हैं। कैलेंडर साल 2020 में यह कंपनियां बाजार के भारी उतार-चढ़ाव के बावजूद क्यूआईपी के जरिए पैसा जुटाने में सफल रही हैं। 

जिन कंपनियों ने क्यूआईपी के जरिए पैसा जुटाया है उसमें इंफो एज ने 1,875 करोड़ रुपए, अलेंबिक फार्मा 750 करोड़, पीएल इंडस्ट्रीज 2,000 करोड़, जे एम फाइनेंशियल 770 करोड़ रुपए, कोटक महिंद्रा बैंक 7,442 करोड़ रुपए की राशि जुटाई है। इसी तरह से डीमार्ट की पैरेंट कंपनी अवेन्यू सुपर मार्ट ने 4,098 करोड़ रुपए, प्रेस्टिज इस्टेट प्रोजेक्ट ने 462 करोड़ रुपए, चोलामंडलम इनवेस्टमेंट ने 900 करोड़ रुपए, केईआई इंडस्ट्रीज ने 500 करोड़ और भारती एयरटेल ने 14,400 करोड़ रुपए की राशि जुटाई है। 

दरअसल क्यूआईपी साधन बाजार से पैसे जुटाने का आसान साधन है। यह केवल योग्य संस्थागत खरीदारों के लिए ही जारी होता है। इसका मतलब बड़े संस्थागत निवेशक ही इसमें हिस्सा ले सकते हैं। केवल क्यूआईपी ही नहीं, बल्कि कंपनियां अन्य रास्तों के जरिए भी पैसे उगाह रही हैं। इसमें राइट्स इश्यू का भी समावेश है। चूंकि कोविड के बाद अब भारतीय बाजार धीरे -धीरे तेजी की ओर बढ़ रहा है इसलिए बाजार से पैसा जुटाना आसान बनते जा रहा है। शेयरों की बिक्री कर पैसे जुटाने के मामले  में साल 2020 एक रिकॉर्ड बना सकता है।  

हालांकि बैंकों या उधार देनेवाली कंपनियों के पास क्यूआईपी के अलावा डिपॉजिट से भी पैसे जुटाने का रास्ता है। पर यह कंपनियां भी क्यूआईपी का सहारा ले रही हैं। चूंकि लॉकडाउन से एमएसएमई और कुछ सेक्टर प्रभावित हुए हैं इसलिए बैंक पहले से ही पैसे जुटाकर अपनी स्थिति को मजबूत बनाए रखना चाहते हैं। बैंकों के सामने यह दिक्कत है कि ज्यादातर ग्राहकों ने मोराटोरियम लिया है जो अगस्त में समाप्त होगा। बैंकों को आशंका है कि उनका ग्रॉस एनपीए भी बढ़ सकता है।  

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