फ्लिपकार्ट को 3.6 अरब डॉलर की मिली रकम

मुंबई– फ्लिपकार्ट को विदेशी निवेशकों, सॉवरेन फंडों, प्राइवेट इक्विटी फर्मों से 3.6 अरब डॉलर की पूंजी मिली है। इस फंडिंग में वॉलमार्ट के मालिकाना हक वाली फ्लिपकार्ट की वैल्यू 37.6 अरब डॉलर (लगभग 2.79 लाख करोड़ रुपए) लगी है। इस निवेश से कंपनी को घरेलू बाजार में एमेजॉन जैसी ऑनलाइन रिटेलर को टक्कर देने में मदद मिलेगी।

फ्लिपकार्ट में निवेश के मौजूदा दौर में पैसा लगाने वालों में GIC, कनाडा पेंशन प्लान इनवेस्टमेंट, सॉफ्टबैंक विजन फंड-2, वॉलमार्ट, कतर इनवेस्टमेंट अथॉरिटी, टेनसेंट, फ्रैंकलिन टेंपलटन और टाइगर ग्लोबल शामिल हैं। दिग्गज अमेरिकी रिटेलर वॉलमार्ट ने तीन वर्ष पहले फ्लिपकार्ट में मेजॉरिटी स्टेक खरीदा था। फंडिंग के मौजूदा राउंड में उसने भी हिस्सा लिया है। 

निवेश के मौजूदा दौर के बारे में फ्लिपकार्ट ग्रुप के CEO कल्याण कृष्णमूर्ति ने कहा कि बड़े विदेशी निवेशकों के निवेश से भारत में डिजिटल कॉमर्स की संभावनाओं का पता चलता है। उन्होंने कहा कि इस निवेश से संभावनाओं का फायदा उठाने की कंपनी की क्षमताओं पर उनके भरोसे का भी पता चलता है। 

कृष्णमूर्ति ने कहा कि कंपनी का फोकस कंज्यूमर को बेहतर सर्विस देने के साथ ही किराना दुकानों और लाखों छोटे और मझोले उद्यमों की ग्रोथ को बढ़ावा देने पर भी होगा। कंपनी ने कहा कि वह देश में ग्राहकों की संख्या में हो रही तेज बढ़ोतरी को देखते हुए अपने स्टाफ, टेक्नोलॉजी, सप्लाई चेन और इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करना जारी रखेगी। 

फ्लिपकार्ट का कहना है कि देशभर में उसके 35 करोड़ से अधिक रजिस्टर्ड यूजर हैं। उसके मार्केटप्लेस पर तीन लाख से अधिक सेलर्स हैं, जिनमें से 60% टियर-2 और इससे नीचे की कैटेगरी के शहरों के हैं। इस ग्रुप में फैशन स्पेशियलिटी साइट मिंट्रा के अलावा लॉजिस्टिक और सप्लाई चेन कंपनी ई-कार्ट जैसे ब्रांड शामिल हैं। इसका फोनपे में मेजोरिटी स्टेक भी है। 

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