रिलायंस इंडस्ट्रीज को लगा झटका, महंगा होने से सीएलएसए और एडलवाइस ने शेयर को किया डाउनग्रेड

(अर्थलाभ संवाददाता) 

मुंबई- लगातार नए रिकॉर्ड बना रहे रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर को झटका लगा है। खबर है कि इसे सीएलएसए और एडलवाइस ब्रोकरेज हाउस ने डाउनग्रेड कर दिया है। इस फैसले से कंपनी के शेयर पर निगेटिव असर दिख सकता है।  

एडलवाइस ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर को डाउनग्रेड कर होल्ड की रेटिंग दे दी है। इसके मूल्य का लक्ष्य भी 2,105 रुपए कर दिया है। जबकि सीएलएसए ने इस शेयर को डाउनग्रेड कर खरीदने की रेटिंग से आउट परफॉर्म में डाल दिया है। इसका लक्ष्य हालांकि बढ़ाकर 2,250 रुपए कर दिया है। इस डाउनग्रेड का कारण रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल का ज्यादा वैल्यूएशन माना गया है। दोनों ब्रोकरेज हाउस ने कहा है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के शेयर का वैल्यूएशन काफी ज्यादा है। इसमें सावधानी बरतनी चाहिेए।  

बता दें कि आरआईएल का शेयर मार्च के निचले स्तर 867.82 रुपए से अब तक ढाई गुना से ज्यादा बढ़ गया है। मंगलवार को यह शेयर 2,188 रुपए पर पहुंच गया। सोमवार को यह 2,198 रुपए तक चला गया था। कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन भी 13.78 लाख करोड़ रुपए हो गया है। यह मार्च के स्तर से करीबन 55 प्रतिशत ज्यादा है।  

दरअसल आरआईएल ने जियो प्लेटफॉर्म में करीबन 33 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 1.5 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि जुटाई थी। इसमें प्रमुख रूप से फेसबुक और गूगल का निवेश रहा है। दोनों ने 77 हजार करोड़ रुपए का निवेश 17 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए किया है। एडलवाइस ने 2016 में इस स्टॉक को पॉजिटिव बताया था और चार साल बाद यह स्टॉक अच्छा खासा बढा है। आरआईएल को इस समय 12 महीने के ट्रेलिंग पर देखें तो 47.2 के पीई पर कारोबार कर रहा है। यह काफी महंगे स्तर पर है। अब तक जितने भी ब्रोकर्स ने इसे जिस भी लक्ष्य पर खरीदने की सलाह दी थी, वह लक्ष्य इस शेयर ने पार कर लिया है।  

सीएलएसए ने इस पर नया लक्ष्य 2,250 रुपए रखा है। इस विदेशी ब्रोकरेज हाउस का अनुमान है कि कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन मार्च 2022 तक 220 अरब डॉलर हो सकता है। हालांकि शेयर में तेजी कुछ समय के लिए रुक भी सकती है। वैसे बता दें कि यह शेयर काफी महंगे स्तर पर है। साथ ही जून तिमाही का रिजल्ट भी खराब आने की संभावना है। कंपनी ने पहले 23 जुलाई को अपना रिजल्ट जारी करने की बात एक्सचेंज पर कही थी। बाद में इसे बढ़ाकर 30 जुलाई कर दिया है। दरअसल 30 जुलाई को गुरुवार है और इस दिन ही एक्सपायरी होता है। ऐसे में माना जा रहा है कि कंपनी का रिजल्ट खराब आएगा और शेयरों पर दबाव दिखेगा।  

पिछले तीन महीनों में लॉकडाउन से कंपनी के रिटेल बिजनेस का हाल बुरा रहा है। जबकि कच्चे तेलों की कमी से इसकी रिफाइनरी मार्जिन भी प्रभावित हुई है। कुल मिलाकर कंपनी का रिजल्ट जब खराब होगा तो शेयरों पर दबाव दिखेगा। इसलिए आनेवाले समय में इसका शेयर वर्तमान स्तर से टूटकर काफी नीचे जा सकता है। हालांकि हाल में शेयरों में जो तेजी दिखी है वह जियो की हिस्सेदारी बिकने से दिखी है। पर अब कंपनी के पास रिटेल में हिस्सेदारी बेचने के सिवा कोई और बड़ा अनाउंसमेंट नहीं है।  

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