एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने आरबीआई गवर्नर से कहा मोराटोरियम से बैंकों को हो रहा है नुकसान

मुंबई– सोमवार को सीआईआई के ऑन लाइन सत्र में दो दिग्गजों के बीच मजेदार बात हुई। बैंकिंग सेक्टर के दिग्गज और एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा कि मोराटोरियम से बैंकों का नुकसान हो रहा है। जो लोग लोन भरने में सक्षम हैं, वो भी नहीं भर रहे हैं। इस पर रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि उनकी बात को नोट कर लिया गया है। हालांकि इसका जवाब उन्होंने नहीं दिया। उधर आरबीआई की मौद्रिक नीति की समीक्षा की बैठक 4 अगस्त को होगी। इसमें रेट कट की उम्मीद है।  

भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांता दास ने संकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था में गतिविधियां बढ़ाने के लिये मूलभूत सुविधाओं वाली परियोजनाओं में निवेश बढ़ाने पर जोर दिया है। गवर्नर ने कहा कि कृषि क्षेत्र में हाल में उठाए गए सुधार के कदमों से इस क्षेत्र में नए अवसर खुले हैं। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र आकर्षण का केन्द्र बनकर उभर रहा है। भारत को ऐसी नीतियों की आवश्यकता है जिससे कि कृषि क्षेत्र की आय में निरंतर वृद्धि होती रहे।  

सीआईआई की ओर से आयोजित एक ऑनलाइन सेशन में एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने शक्तिकांत दास से मोरेटोरियम नहीं बढ़ाने की अपील की। पारेख का कहना है कि इससे बैंकों को नुकसान हो रहा है। जो लोग लोन रिपेमेंट कर सकते हैं, वो भी नहीं कर रहे हैं। इस पर गवर्नर ने कहा कि मोराटोरियम पर वो कमेंट नहीं कर सकते हैं लेकिन उन्होंने इस मुद्दे को नोट कर लिया है। आरबीआई ने पहली बार 27 मार्च को लोन रीपेमेंट पर 3 महीने का मोरटरियम दिया था। यानी उन तीन महीनों में आपने ईएमआई नहीं भरी तो भी आप डिफॉल्टर की लिस्ट में नहीं जाएंगे। पहले यह स्कीम 1 अप्रैल से लेकर 31 मई तक लागू रही। उसके बाद इसे दोबारा तीन महीने के लिए बढ़ाकर 31 अगस्त तक के लिए लागू कर दिया गया। अब चर्चा है कि सरकार इसे फिर तीन महीने के लिए बढ़ा सकती है। 

उधर विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस का प्रकोप झेल रही अर्थव्यवस्था को उबारने के लिये भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.25 फीसदी की और कटौती कर सकता है। आरबीआई के गवर्नर की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन चलने वाली बैठक 4 अगस्त से शुरू होनी है और 6 अगस्त को इस बारे में घोषणा की जाएगी। इक्रा की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि हम रेपो दर में 0.25 फीसदी और रिवर्स रेपो दर में 0.35 फीसदी कटौती की उम्मीद कर रहे हैं।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *