संयुक्त रूप से होम लोन लेंगे तो मिलेगा फायदा, मिल सकता है ज्यादा कर्ज

मुंबई- घर का सपना पूरा करने के लिए अमूमन हमें लोन की जरूरत पड़ती ही है और तब शुरू होता है बैंकों का चक्‍कर लगाना. कई बार तो आपको जितने पैसों की जरूरत है, बैंक उतनी रकम होम लोन के रूप में देने से इनकार कर देते हैं। ऐसे में आपके पास संयुक्‍त होम लोन लेने का विकल्‍प रहता है। यानी आप अपने साथ किसी करीबी रिश्‍तेदार को भी लोन में हिस्‍सेदार बनाते हैं, जो नौकरीपेशा है तो लोन की रकम बढ़ जाती है।

बैंक संयुक्‍त रूप से होम लोन करने वाले आवेदक की कुल आय सीमा को देखते हैं और उसी अनुपात में लोन की रकम भी बढ़ा देते हैं। मान लीजिए आपकी मासिक सैलरी 50 हजार रुपये है और आपको 50 लाख का होम लोन चाहिए तो बैंक शायद देने से इनकार कर दें, क्‍योंकि इसकी ईएमआई आपकी मासिक सैलरी के 45 फीसदी से ज्‍यादा होगी, जबकि बैंक लोन की ईएमआई किसी भी हालत में मासिक वेतन के आधे से कम ही रखते हैं। अगर आपकी पत्‍नी भी कामकाजी है तो उसे भागीदारी बनाने से बैंक आपको ज्‍यादा राशि का लोन आसानी से दे देंगे.

होम लोन के लिए अपने पिता-पुत्र, पति-पत्‍नी या अन्‍य करीबी रिश्‍तेदार को भागीदार बनाने से आपको बैंक की ओर से लोन के रूप में ज्‍यादा राशि मिल जाती है, क्‍योंकि बैंक दोनों की संयुक्‍त आय के हिसाब से कर्ज तय करते हैं। इसके अलावा ऐसे कर्ज पर ब्‍याज दर भी कम रहती है, क्‍योंकि अगर दो नौकरीपेशा लोग मिलकर एक ही लोन लेते हैं, तो बैंक को अपना पैसा वापस पाने का ज्‍यादा भरोसा रहता है।

अमूमन होम लोन के लिए संयुक्‍त रूप से आवेदन करने वाले ही उस संपत्ति में भागीदारी होते हैं। अगर ऐसा है तो यह उत्‍तराधिकार के लिहाज से भी काफी आसान हो जाता है। मान लीजिए कि संपत्ति खरीदने के बाद किसी अनहोनी में एक भागीदारी की मृत्‍यु हो जाती है तो यह संपत्ति आसानी से दूसरे के नाम ट्रांसफर हो जाएगी। ऐसे में उसे एनओसी आदि के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।

दिल्‍ली-मुंबई जैसे महानगरों में मकान खरीदने के लिए आपको कम से कम 50 लाख रुपये का होम लोन लेना ही पड़ेगा। अगर बैंक इस पर 9 फीसदी का ब्‍याज वसूल रहा है तो आपको सालभर में 5,16,903 रुपये ईएमआई के रूप में चुकाने होंगे. इसमें 4,16,181 रुपये तो सिर्फ ब्‍याज के रूप में शामिल होंगे।

अब जबकि आप अपने होम लोन पर सालाना ब्‍याज के रूप में 4,16,181 रुपये चुका रहे, जबकि टैक्‍स छूट सिर्फ 2 लाख पर मिल रही ह।. भले ही इस लोन की पूरी ईएमआई आप अकेले ही क्‍यों न चुका रहे हों। लेकिन अगर होम लोन संयुक्‍त रूप से लिया गया है और दोनों मिलकर ईएमआई में भागीदारी निभा रहे हैं तो दोनों के लिए यही टैक्‍स छूट अलग-अलग हो जाएगी। यानी दोनों ही कर्जधारक को 80सी के तहत 1.5 लाख की छूट और 24बी के तहत 2 लाख की छूट दी जाएगी।

अगर किसी संपत्ति की पहली मालकिन महिला है और उसका पति सह-मालिक है तो स्‍टांप शुल्‍क में भी छूट मिल जाती है। कई राज्‍य संपत्ति के स्‍टांप शुल्‍क पर 1 फीसदी तक छूट की पेशकश करते हैं। इससे भी आपको हजारों रुपये की बचत हो जाएगी. इसके अलावा अगर होम लोन के आवेदकों में पहला नाम महिला का है तो बैंक ब्‍याज दर में भी छूट देते हैं। ब्‍याज में मामूली कमी भी आपको लंबी अवधि में लाखों रुपये का फायदा करा सकती है।

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