59 सालों में बैंकों की उधारी सबसे कम रही, लोन में 5.6% की रही बढ़त

मुंबई- देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने कहा है कि भारतीय बैंकों की उधारी पिछले 59 सालों में सबसे कम रही है। यह बढ़त 5.6% की रही है। हालांकि SBI के लोन में 3.75% की ही बढ़त रही है।  

SBI के चेयरमैन दिनेश खारा ने बैंक की AGM यानी सालाना मीटिंग में कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में बैंकिंग उद्योग द्वारा दिए जाने वाले लोन में भयंकर गिरावट रही है। 2019-20 में लोन की बढ़त 3.75% की रही थी जो 2020-21 में 5.67% पर आ गई। कुल उधारी वित्त वर्ष 2022-21 यानी अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के दौरान 25.39 लाख करोड़ रुपए रही है। इसके एक साल पहले यह 24.3 लाख करोड़ रुपए थी।  

बैंक की कुल जमा रकम 13.56% बढ़ कर 36.81 लाख करोड़ रुपए रही है जो एक साल पहले 32.42 लाख करोड़ रुपए थी। यह सभी कमर्शियल बैंकों की कुल जमा की तुलना में 11.40% अधिक है। इससे बैंक की बाजार हिस्सेदारी 23.39% हो गई। इसकी चालू एवं बचत खाता (कासा) अनुपात 46.13% रहा है।  

लोन ग्रोथ में रिटेल पर्सनल लोन का ज्यादा योगदान रहा है। रिटेल पर्सनल लोन 16.47% बढ़ कर 8.70 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इसमें डिजिटल चैनल का योगदान ज्यादा रहा है। रिटेल में होम लोन 10.51% की दर से बढ़ कर 5.03 लाख करोड़ रुपए हो गया जबकि एक्सप्रेस क्रेडिट 36.49% बढ़ कर 1.93 लाख करोड़ रुपए हो गया है। गोल्ड लोन 4.65 गुना बढ़ कर 20,987 करोड़ रुपए हो गया है। कुल पर्सनल लोन में इनका हिस्सा 82.41% रहा है।  

होम लोन में बैंक का मार्केट शेयर 34.53% रहा है। एक्सप्रेस क्रेडिट में लोन की ग्रोथ योनो और आईएनबी प्लेटफॉर्म से रही है। कॉर्पोरेट को दिए जाने वाले लोन में 3% की गिरावट रही है। यह 8.19 लाख करोड़ रुपए रहा है। जबकि कृषि लोन में 3.92% की बढ़त रही है और यह 2.14 लाख करोड़ रुपए रही है। एसएमई लोन में 4.24% की बढ़त रही है और यह 2.79 लाख करोड़ रुपए रहा है। 

बैंक ने 13.62 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है। एक साल पहले यह 10.58 लाख करोड़ रुपए रहा है। इसने नॉन कोर संपत्तियों को बेच कर 600 करोड़ रुपए जुटाया है। बैंक ने पूरे साल के दौरान 20,410 करोड़ रुपए का फायदा कमाया है जबकि एक साल पहले यह 14,488 करोड़ रुपए था। बैंक ने अपने बुरे फंसे कर्जों में कमी की है। इसमें 22 हजार 703 करोड़ रुपए की कमी आई है। कॉर्पोरेट सेगमेंट के बुरे फंसे कर्जों यानी एनपीए में 18,530 करोड़ रुपए की कमी आई है। बैंक के पास 22 हजार से ज्यादा शाखाएं हैं और 62 हजार से ज्यादा एटीएम का नेटवर्क है। एसबीआई कार्ड का फायदा 985 करोड़ रुपए रहा है जबकि एक साल पहले 1,245 करोड़ रुपए रहा है। 

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