सोना पहुंचा 48 हजार के पार, 2025 तक 10 गुना बढ़ सकती है कीमत
मुंबई– एक बार फिर सोना 48 हजार के पार निकल गया है। चांदी 530 रुपए महंगी होकर 71,967 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है। एक्सपर्ट के अनुसार इस साल के आखिर तक सोना 60 हजार तक जा सकता है। डॉलर का मूल्य घटे तो सोने का बढ़ता है। 1971 में सोना करेंसी से मुक्त हुआ और 1980 तक सोने के दाम 2000% बढ़ गए। ये सोने की कीमत की पहली तेजी थी। मार्केट था। 1999 से 2011 तक चले दूसरे तेजी के मार्केट में सोने के दाम 670% बढ़ गए। दोनों बार सोना औसत 15 गुना बढ़ा। तीसरा तेजी का बाजार 2015 में शुरू हो गया है। 2025 तक सोना 10 गुना तो बढ़ेगा ही।
अप्रैल महीने में ही सोना 2,601 महंगा होकर 46,791 पर पहुंच गया है। 31 मार्च को ये 44,190 रुपए पर था। वहीं अप्रैल में चांदी भी 4,938 रुपए महंगी हुई है। 31 मार्च को अब बाजार बंद हुआ था तब चांदी 62,862 रुपए प्रति किलोग्राम पर थी जो अब 67,800 रुपए पर पहुंच गई है। देश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए एक्सपर्ट को सोने में आगे और तेजी आने की उम्मीद है।
अगस्त 2020 में सोना 56,200 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया था। कोरोना महामारी के कारण निवेशकों में डर का माहौल बना हुआ था। हमेशा देखा गया है कि जब भी शेयर बाजार में नुकसान की आशंका हो, डॉलर की तुलना में अन्य मुद्रा कमजोर पड़ने की नौबत हो तो सोने के भाव में उछाल देखा जाता है। लेकिन वैक्सीन आने के बाद सोने के दामों में लगातार गिरावट देखी जा रही थी और ये 44 हजार के नीचे आ गई थी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोना 1,835 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया है। आने वाले समय में इसके 1,900 डॉलर के पार जा सकता है। यह एक समय 1,720 डॉलर प्रति औंस के स्तर से नीचे आ गया था। कोरोना के कारण दुनियाभर में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। इसके शेयर बाजार में ज्यादा उतार-चढ़ाव होत रहा है। माना जाता है कि इस दौरान निवेशक शेयरों से पैसा निकालकर सोने में निवेश करते हैं। इससे भी सोने के दाम बढ़ने लगते हैं।
चीन में बैंकों को सोना इंपोर्ट करने की मंजूरी से आने वाले दिनों में सोने-चांदी में तेजी देखने को मिल सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने के दाम तेजी से बढ़ने लगे हैं। सोने की कीमत 1,773 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस के पार निकल गया है। 1 अप्रैल को सोना 1,730 अमेरिकी डॉलर पर था।

