5 करोड़ EPFO खाताधारकों को अब डेथ क्लेम में 7 लाख रुपए मिलेगा
मुंबई– कोरोना महामारी के बीच श्रम मंत्रालय ने EPFO खाता धारकों के लिए बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने डेथ इंश्योरेंस बेनिफिट की रकम को बढ़ाने का फैसला किया है। इसके तहत अब मौत के मामले में बीमा का दावा किया गया है तो उसमें 7 लाख रुपए की रकम मिलेगी। पहले यह 6 लाख रुपए थी।
इसका फायदा EPFO के कम से कम 5 करोड़ सब्सक्राइबर्स को मिलेगा। इसी तरह अब किसी खाताधारक की मौत पर कम से कम बीमा राशि को बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए कर दिया गया है। यह पहले 2 लाख रुपए थी। यानी कम से कम और अधिकतम दावे की रकम को बढ़ा दिया गया है।
सेंट्रल बोर्ड ट्रस्ट ने सितंबर 2020 की बैठक में एंप्लॉयीज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस योजना के तहत अधिकतम बीमा राशि बढ़ाने का निर्णय लिया था। श्रम मंत्रालय ने अब जाकर इसे मंजूरी दी है। उसका यह आदेश एंप्लॉयी डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (EDLI) से संबंधित है। अगर किसी सब्सक्राइबर की मौत हो जाती है, तो उसके परिवार को इस इंश्योरेंस का लाभ मिलता है। वैसे तो EDLI के लाभार्थियों की संख्या ईपीएफ सब्सक्राइबर्स के बराबर नहीं है। EDLI के तहत करीब 20 लाख ही ग्राहक हैं।
नौकरी पेशा लोगों के लिए प्रॉविडेंट फंड (PF) की रकम काफी अहम होती है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत आने वाले कर्मचारियों को PF खाते पर ब्याज समेत कई सुविधाएं मिलती हैं। इन्हीं में से एक सुविधा बीमा की है। इसके मुताबिक, अगर EPFO के एक एक्टिव कर्मचारी की सेवा के दौरान मौत होती है तो उसके नॉमिनी को बीमा की रकम का एकमुश्त पेमेंट किया जाता है। EPFO के सदस्य खुद इस योजना से जुड़ जाते हैं। इस बीमा के लिए कर्मचारी को कोई रकम नहीं देनी होती है। कर्मचारी के बदले कंपनी प्रीमियम जमा करती है।
हालांकि इसके लिए शर्तें भी हैं। इसके मुताबिक, बीमा की रकम लेने के लिए दावेदार को सदस्य का मृत्यु प्रमाणपत्र देना होगा। कानूनी उत्तराधिकारी द्वारा दावे के मामले में उत्तराधिकार प्रमाणपत्र देना जरूरी होता है। इसी तरह बीमा की रकम की गणना मृत EPFO कर्मचारी की आखिरी 12 महीनों की सैलरी के आधार पर किया जाता है। इसके तहत पिछले 1 साल में जो बेसिक सैलरी और डीए होगा, उससे 30 गुना ज्यादा क्लेम मिलेगा जो अधिकतम 7 लाख रुपए तक ही होगा। अगर आपने 1 साल के अंदर संस्थान बदल दिया है तो ऐसी स्थिति में क्लेम नहीं मिलेगा।
EPFO रिटायरमेंट सेविंग के 12 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के फंड का प्रबंधन करता है। 15 मार्च को वित्त मंत्रालय ने निवेश पैटर्न में बदलाव किया था। हालांकि यह बदलाव सिर्फ गैर सरकारी भविष्य निधि के लिए है जो अपने कामगारों की रिटायरमेंट बचत का प्रबंधन इनहाउस करते रहते हैं। दरअसल पीएफ के तहत जो भी रकम EPFO को मिलती है, उसे जगह-जगह पर निवेश किया जाता है। इसी निवेश पर जो फायदा मिलता है, उसमें से आपको 8.5 पर्सेंट सालाना का ब्याज आपके पीएफ पर सरकार देती है।