3 रुपए प्रति लीटर तक महंगा हो सकता है डीजल और पेट्रोल
मुंबई– बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 2 से 3 रुपए का इजाफा हो सकता है। गवर्नमेंट सोर्स के अनुसार कच्चे तेल के दाम बढ़ने से तेल कंपनियों को घाटा हो रहा है। इसके चलते विधानसभा चुनाव के बाद इनके दाम बढ़ सकते है। 2 मई को बंगाल विधानसभा चुनाव खत्म होंगे। ज्यादातर देखा जाता है कि सरकार जनता को लुभाने के लिए चुनाव के दौरान पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ाती है।
इस साल पेट्रोल-डीजल के दाम जनवरी में 10 बार और फरवरी में 16 बार बढ़े, जबकि मार्च में कीमतें स्थिर हैं। इस लिहाज से 2021 में अब तक पेट्रोल-डीजल के दाम 26 बार बढ़ चुके हैं। हालांकि मार्च महीने में 3 बार और अप्रैल में 1 बार पेट्रोल-डीजल के दाम में कमी आई है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आखिरी बार 27 फरवरी को बढ़ोतरी की गई थी। 15 अप्रैल का आखिरी बार पेट्रोल-डीजल के दाम में बदलाव हुआ था।
2020 में 28 अक्टूबर से 7 नवंबर के दौरान बिहार विधानसभा के चुनाव हुए और 10 नवंबर को नतीजे आए। इस दौरान 2 सितंबर से 19 नवंबर के बीच पेट्रोल-डीजल के स्थिर रहे। फिर 20 नवंबर से 7 दिसंबर तक 15 बार दाम बढ़े थे। यानी तेल कंपनियों ने सिर्फ 18 दिन में 15 बार दाम बढ़ाए।
दिल्ली चुनाव विधानसभा के दौरान भी 2020 के शुरुआत में 12 जनवरी से 23 फरवरी तक पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़े थे। हालांकि कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन के बाद भी कीमतें घटी थी। 2018 में मई के कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले भी तेल कंपनियों ने लगातार 19 दिनों तक कीमतों में कोई बदलाव नहीं किए, जबकि उस दौरान कच्चे तेल की कीमतें 5 डॉलर प्रति बैरल बढ़ीं थी।
2017 में 16 जनवरी से 1 अप्रैल तक पांच राज्यों पंजाब, गोवा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मणिपुर में विधानसभा चुनाव थे। इस दौरान देश में तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ाए। उस समय तेल कंपनियां हर 15 दिन में कीमतें बदलती थीं। दिसंबर 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान भी पेट्रोल-डीजल के दाम भी करीब 14 दिन नहीं बढ़े।
इस साल फरवरी में कच्चे तेल के औसतन दाम 61 डॉलर प्रति बैरल पर थे जो मार्च में 64.73 डॉलर पर आ गया। वहीं अगर कच्चे तेल की बात करें तो ये 65 डॉलर पर बिक रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में पेट्रोल डीजल के दाम और बढ़ सकते हैं। मई 2014 में जब मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने, तब कच्चे तेल की कीमत 106.85 डॉलर प्रति बैरल थी। वहीं अभी कच्चे तेल की कीमत 65 डॉलर प्रति बैरल पर है। इसके बावजूद भी पेट्रोल के दाम घटने के बजाए बढ़कर 100 रुपए प्रति लीटर के पार पहुंच गए हैं।