सोने में क्यों निवेश करें? क्योंकि यह अनिश्चतता में मददगार होता है

मुंबई-सोने में निवेश अनिश्चितता के समय एक अच्छा विकल्प है, इसीलिए इसे एक सुरक्षित असेट माना गया है। यह एक ऐसी असेट्स है, जिसके जरिए आप जब चाहें, तुरंत पैसे पा सकते हैं। सोना अक्सर महंगाई के खिलाफ एक बचाव के रूप में भी देखा जाता है। पिछले कुछ दशकों में यह देखा गया है कि निवेश के लिए सोना सबसे प्रभावी विविधीकरण (diversification) करने का जरिया है साथ ही साथ कोई जोखिम भी नहीं है। 

यदि हम 1981 से 2020 तक के विभिन्न असेट के रिटर्नों की तुलना करते हैं तो सोने ने महंगाई की दर से ज्यादा फायदा दिया है। पिछले 40 सालों (1981-2020) के दौरान महंगाई की दर 6.52% से बढ़ी है वही सोने ने 8.48% का रिटर्न दिया है। सेन्सेक्स ने 13.71% की वार्षिक दर से औसत रिटर्न दिया है, जो सभी असेट्स क्लास में अव्वल है। इसी समय में फिक्सिड डिपॉजिट यानी एफडी ने 8.62% व प्रॉविडेंट फंड (PPF) ने 9.41% का वार्षिक रिटर्न दिया है। 

चूँकि वर्ष 2020 बहुत ही अनिश्चिताओ से भरा वर्ष रहा है। अतः इस खराब परिस्थिति में आपके निवेश व खपत की रणनीति सटीक होना अति-आवश्यक है। उदाहरण के लिए वाहन की खरीद आपकी व्यक्तिगत आवश्यकता हो सकती है। इसका निर्णय आप अपनी जरुरत के अनुरूप ले सकते हैं क्योंकि यह निवेश की श्रेणी में नहीं आता। 

आइए अब हम सोने के निवेश के बारे में विस्तृत रूप से जानते हैं। सोने की कीमतें आम-तौर पर आर्थिक अनिश्चितताओं, ज्यादा महंगाई,वैश्विक-राजनीतिक अस्थिरता, शेयर बाजार में अत्यधिक उठा-पटक आदि कारणों से बढ़ती हैं। जब वित्तीय अनिश्चितताओं के कारण अन्य निवेश का रिटर्न कम हो जाता है, तो उन वित्तीय अस्थिरता की अवधि में सोने में निवेश अधिक लाभदायक साबित हो सकता है। 

COVID-19 इसका ताजा उदाहरण है, जिसके कारण निवेशकों को कैलैंडर वर्ष 2020 में सोने में अभी तक अधिकतम 43 प्रतिशत से भी अधिक रिटर्न मिला है। हालांकि 2021 में सोना अपने उचत्तम स्तरों से सुधरा है। मेरे अनुसार इस विषम परिस्थिति में सोने में निवेश करने का उत्तम मौका है| 

लोग आमतौर पर विभिन्न कारणों से सोना खरीदते हैं। इसमें व्यक्तिगत खपत, धार्मिक विश्वास और निवेश के लिए। हालांकि, एक निवेशक के रूप में, आपको रणनीतिक रूप से सोने को देखना चाहिए और इसे विभिन्न जोखिमों के खिलाफ बचाव के रूप में उपयोग करना चाहिए। 

अधिकांश भारतीय सोना खरीदते समय किसी विशेष अवसर या उत्सवों की प्रतीक्षा करते हैं। एक शोध के अनुसार 85 प्रतिशत भारतीय आभूषण के रूप में सोना खरीदना पसंद करते हैं। 

चूंकि लोग वित्तीय बचत के एवज में सोना रखते हैं, हालांकि हम,लोगों को भौतिक रूप में सोना खरीदने की सलाह नहीं देते हैं। यह इसलिए होता है क्योंकि भौतिक सोना (विशेषकर गहना) बेचना आमतौर पर प्रतिकूल माना जाता है और यह केवल तभी किया जाता है जब कोई परिवार अत्यधिक आर्थिक संकट का सामना कर रहा हो। इसलिए, इस परिदृश्य के संबंध में आप निवेश के उद्देश्य के लिए भौतिक सोना खरीदने से बच सकते हैं और इसके बजाय सॉवरेन गोल्ड बांड या गोल्ड ईटीएफ के रूप में ई-सोना खरीद सकते हैं। 

गोल्ड ईटीएफ में निवेश के लाभ : 

सस्ता- चूंकि स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध गोल्ड ईटीएफ में कोई प्रवेश या बेचने का शुल्क नहीं है, इसलिए आपको बस नाम मात्र ब्रोकरेज शुल्क का भुगतान करना होता है।

आसान लेन-देन– आप दिन के किसी भी समय अपने सोने ईटीएफ का व्यापार कर सकते हैं जब स्टॉक एक्सचेंज खुला हो।

आसान ट्रेडिंग- शुरू करने के लिए आपको सोने के ईटीएफ में व्यापार के लिए न्यूनतम 1 यूनिट सोना खरीदना होता है, जो सोने की 1 ग्राम के बराबर है। आप इसे स्टॉक ब्रोकर या फंड मैनेजर की मदद से खरीद और बेच सकते हैं। 

गारंटी- (collatral) सुरक्षा – यदि आप ऋण लेने की योजना बना रहे हैं तो आपका गोल्ड ईटीएफ गारंटी सुरक्षा के रूप में भी काम कर सकता है। तो अगर आप अपने पोर्ट फोलियो को diversify करना चाहते हैं तो सोने में निवेश एक अच्छा विकल्प है। हालाँकि निवेश के लिए सोने के आभूषण खरीदना समझदारी नहीं है और निवेशको को ETF जैसे ऑप्शन पर ध्यान देना चाहिए। 

गौरव गर्ग (रिसर्च प्रमुख, कैपिटल वाया ग्लोबल रिसर्च)

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